कोरोना काल में बढ़ा नगद कारोबार, छोटे व्यापारी हुए परेशान Lohardaga News
कोरोना संक्रमण की वजह से सबसे अधिक असर व्यापार पर पड़ा है। क्रेडिट खत्म हो गया। अब नगद का व्यापार हो गया है। बड़े व्यापारी जहां पहले 25 प्रतिशत भुगतान पर कारोबार करते थे वहीं अब नगद भुगतान पर ही व्यापार चल रहा है।
लोहरदगा (राकेश कुमार सिन्हा) । कोरोना संक्रमण की वजह से सबसे अधिक असर व्यापार पर पड़ा है। क्रेडिट खत्म हो गया। अब नगद का व्यापार हो गया है। बड़े व्यापारी जहां पहले 25 प्रतिशत भुगतान पर कारोबार करते थे, वहीं अब नगद भुगतान पर ही व्यापार चल रहा है। व्यापारी दुकानदारों को उधार देना नहीं चाहते। दुकानों में बिक्री कम है, ऐसे में छोटे व्यापारियों के लिए आफत है। नगद का धंधा जोर पकड़ चुका है। क्रेडिट का व्यापार पूरी तरह से ठप है। परिस्थितियों में बदलाव की वजह से छोटे व्यापारी परेशान हो चुके हैं। उनके व्यापार पर साफ असर पड़ रहा है।
क्रेडिट के भरोसे चलता था व्यापार
कोरोना काल से पहले छोटे व्यापारियों का व्यवसाय क्रेडिट के भरोसे चलता था। बड़े व्यापारी छोटे व्यापारियों को क्रेडिट पर सामान उपलब्ध कराते थे। छोटे व्यापारी सामान बेचकर भुगतान करते थे। कम भुगतान पर भी अधिक माल आसानी से उपलब्ध हो जाता था। जब से संक्रमण शुरू हुआ है, तब से व्यापार बिल्कुल मंदा हो गया है। थोक व्यापारियों से लेकर कंपनी तक ने साफ तौर पर कह दिया है कि धंधा करना है तो कैश का करना होगा, या फिर पूरा भुगतान जरूरी है। ऐसे हालात में छोटे व्यापारियों के लिए व्यवसाय चलाना मुश्किल हो गया है। पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बिक्री पर असर पड़ रहा है। उसके साथ ही ग्राहकों को संतुष्ट कर पाना भी मुश्किल हो गया है।
ग्राहक मांगते हैं उधार, दुकानदारों के छूटे पसीने
आर्थिक कमजोरी की वजह से ग्राहक अपने नियमित दुकानदार के पास जाकर पुराने संबंधों की दुहाई देते हुए उधार मांगते हैं। दुकानदारों के लिए ग्राहकों को संतुष्ट कर पाना मुश्किल हो गया है। दुकानदारों के पसीने छूट रहे हैं। उधार ना दिया तो ग्राहक नाराज और उधार दिया तो थोक व्यापारी नाराज। किस-किस को संतुष्ट करें। व्यवसाय कैसे चलाएं, यह समझ पाना मुश्किल हो गया है।
ऊपर से मांग के अनुरूप सामान की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। थोक व्यापारी नगद व्यापार की दुहाई दे रहे हैं। बाजार में मंदी का असर है। लोगों के पास पैसे नहीं है कि वह नगद खरीदारी कर सकें। कुल मिलाकर स्थिति विकट है। व्यवसाय को चला पाना मुश्किल हो गया है। ऐसे व्यक्तियों के लिए तो और भी मुश्किल है, जो क्रेडिट के भरोसे लाखों का कारोबार करते थे। आज उनके लिए नगद का व्यापार करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।