Cancer: समय पर इलाज कराने से ठीक हो सकता है कैंसर... जानिए, विशेषज्ञ का क्या है कहना
Cancer समय पर पहचान और इलाज होने से कैंसर ठीक हो सकता है। समाज में अभी भी जागरुकता की कमी के कारण कैंसर के मरीज काफी देर से डॉक्टर के पास पहुंचते हैं तब तक काफी देर हो चुकी रहती है। विशेषज्ञ का इसपर क्या राय है जानिए...
रांची, जासं। Cancer समय पर पहचान और इलाज होने से कैंसर ठीक हो सकता है। समाज में अभी भी जागरुकता की कमी के कारण कैंसर के मरीज काफी देर से डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी रहती है। शरीर में किसी भी तरह के बदलाव दिखें तो इसे नजरअंदाज न करें, अपने डाक्टर से मिलें।
आधुनिक तकनीक और उम्दा दवाओं के आने से कैंसर का इलाज आसान
ऑन्कोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डा नितिन सूद बताते हैं कि वर्तमान समय में आधुनिक तकनीक और उम्दा दवाओं के आने से कैंसर का इलाज आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि स्मोकिंग और तंबाकू सेवन करने वाले में कैंसर होने की संभावना काफी अधिक रहती है। बीएमटी, अप्लास्टिक एनीमिया, एक्यूट ल्यूकेमिया, मल्टीपल मायलोमा, हॉजकिन्स और नॉन-हॉजकिन्स लिम्फोमास, मायलोप्रोलिफेरेटिव सिंड्रोम, इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम के साथ-साथ सौम्य विकार, थैलेसीमिया आदि के मरीजों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
समय पर इलाज कराना ही बेहतर
मेदांता अस्पताल रांची के डायरेक्टर विश्वजीत कुमार ने कहा कि अब नवीनतम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। कई अस्पतालो में कैंसर से जुड़ी सभी जरुरी सुविधाएं उपलब्ध है। समय पर इलाज कराना ही बेहतर है ताकि बाद में समस्या न हो।
लाइफ स्टाइल के कारण कैंसर का खतरा
विशेषज्ञ का कहना है कि शहरों में बदलती लाइफ स्टाइल भी कैंसर का एक कारण बन रहा है। इसमें खान-पान बड़ा कारण है। आज बहुत बड़े स्तर पर लोग फास्ट फूड का सेवन कर रहे हैं। फास्ट फूड से हमारा पेट भर जाता है, लेकिन शरीर को पौष्टिक तत्व नहीं मिलते। स्ट्रीट फूड और फास्ट फूड सामग्री में मिलाए जाने वाले केमिकल कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर का कारण बन रहे हैं। यही कारण है कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
कोशिका के जीन में बदलाव से कैंसर की शुरुआत होती है
विशेषज्ञ का कहना है कि जीन में बदलाव अपने आप भी हो सकता है या फिर कुछ बाहरी कारकों, मसलन तंबाकू, वायरस, अल्ट्रावाइलेट रे, रेडिएशन (एक्सरे, गामा रेज आदि) आदि की वजह से भी। अमूमन इम्यून सिस्टम ऐसी कोशिकाओं को खत्म कर देता है, लेकिन कभी-कभार कैंसर की कोशिकाएं इम्यून सिस्टम पर हावी हो जाती हैं और फिर बीमारी अपनी चपेट में ले लेती है।