कोनार सिंचाई परियोजना: उद्घाटन के एक दिन बाद केनाल टूटा, तो अफसरों ने डाली चूहों पर जिम्मेदारी; पढ़ें पूरी खबर
जांच कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट में अफसरों ने केनाल में छेद के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराया है। चार दशक के लंबे इंतजार से बाद कोनार नहर पर विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की गई है।
रांची, जेएनएन। कोनार सिंचाई परियोजना के उद्घाटन के महज एक दिन बाद केनाल टूटने को लेकर बड़ी खबर आ रही है। जांच कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट में अफसरों ने केनाल में छेद के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराया है। चार दशक के लंबे इंतजार से बाद कोनार नहर का उद्घाटन तो हुआ लेकिन एक दिन के बाद ही यह टूट गई। इसकी वजह से आसपास के इलाके जलमग्न हो गए। इस मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट आज आने की संभावना है, जिसमें सारी जिम्मेदारी चूहों पर डाल दी गई है।
यह भी पढ़ें : VIDEO: 42 साल का इंतजार खत्म, CM रघुवर दास ने किया कोनार सिंचाई परियोजना का शुभारंभ
बता दें कि बहुप्रतीक्षित कोनार नहर परियोजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बीते दिन किया था, उद्घाटन के कुछ घंटे बाद ही गिरिडीह के बगोदर में केनाल टूटने से पानी फिलहाल रोक दिया गया है। हालांकि, इस मामले ने सरकार ने फौरी एक्शन लेते हुए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की है। इधर आला अफसरों का मानना है कि चूहों के बिल बनाने के कारण बांध कमजोर हो गई थी। इस परियोजना से हजारीबाग और गिरिडीह के 85 गांवों के 62 हजार हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुंचाया जा रहा है।
बीते दिन गिरिडीह के बगोदर में नहर टूटने के बाद सैंकड़ों एकड़ खेत पानी में डूब गए। तब भाजपा सरकार के जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस ने कड़ी कार्रवाई की बात कही है। इधर जल संसाधन विभाग के हवाले से कहा गया है कि नहर टूटने की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक चूहों ने बांध में बिल खोद दिए, जिसके कारण नहर पानी का दबाव नहीं सह सका और टूट गया।
यह भी पढ़ें : कोनार सिंचाई परियोजना: केनाल टूटने के मामले में 3 सदस्यीय जांच टीम गठित, 24 घंटे में रिपोर्ट तलब
यह भी पढ़ें : झारखंड के किसान बेजार, इन सिंचाई परियोजनाओं को पूरा होने का इंतजार; जानिए