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धरे रह गए सेस के रूप में लिए गए 312.90 करोड़

मजदूरों के कल्याण में होने थे खर्च, बोर्ड को हस्तांतरित नहीं हुई राशि राज्य ब्यूरो,

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 11:38 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 11:38 AM (IST)
धरे रह गए सेस के रूप में लिए गए 312.90 करोड़
धरे रह गए सेस के रूप में लिए गए 312.90 करोड़

-मजदूरों के कल्याण में होने थे खर्च, बोर्ड को हस्तांतरित नहीं हुई राशि राज्य ब्यूरो, रांची : निर्माण कार्य में ठेकेदारों से श्रम सेस के रूप में लिए गए 312.90 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में धरे रह गए। यह राशि निर्माण कार्य में लगे निबंधित मजदूरों और उनके परिवारों के कल्याण को लेकर संचालित योजनाओं में खर्च होनी थी। लेकिन सरकार ने यह राशि श्रमिक कल्याण बोर्ड को हस्तांतरित ही नहीं की। कैग रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

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रिपोर्ट के अनुसार 2008-09 से 2016-17 तक सेस के रूप में यह राशि जमा हुई थी। दूसरी तरफ, बोर्ड को इतनी बड़ी राशि हस्तांतरित नहीं होने से यह राजस्व में वृद्धि तथा राजकोषीय घाटे में कमी के रूप में दर्ज हो गई। बता दें कि निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों को कुल निर्माण लागत की एक फीसद राशि सेस के रूप में देनी पड़ती है, जिससे मजदूरों के कल्याण को लेकर संचालित योजनाओं में खर्च किया जाता है।

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केंद्रीय करों के राज्यांश में हुई वृद्धि

राज्य ब्यूरो, रांची : केंद्रीय करों में राज्यांश में राज्य के स्वयं के कर के मुकाबले अधिक वृद्धि हो रही है। सीएजी के राजस्व क्षेत्र के प्रतिवेदन की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016-17 में झारखंड सरकार की कुल प्राप्तियां 47,053.93 करोड़ थीं। राज्य सरकार ने कुल 18,650.66 करोड़ का राजस्व सृजित किया जो कि कुल प्राप्तियों का 39.64 प्रतिशत था। भारत सरकार से प्राप्तियों का हिस्सा 28,403.27 करोड़ (60.36 प्रतिशत) रहा। 14 वें वित्त आयोग के कार्यान्वयन के पश्चात केंद्रीय करों में राज्यांश की वृद्धि हुई है। जबकि 2014-15 तक राज्य के स्वयं के कर राजस्व एवं केंद्रीय करों में राज्यांश दोनों समान दर से बढ़े। जबकि 2015-16 के बाद केंद्रीय करों में राज्यांश में राज्य के स्वयं के करों की तुलना में तीव्र वृद्धि हुई।

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