चार दिन से बह रहा गंदा पानी, आस-पास खड़ा होना भी मुश्किल
जागरण संवाददाता रांची चार दिनों से सड़क पर गंदा पानी बह रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
जागरण संवाददाता, रांची : चार दिनों से सड़क पर गंदा पानी बह रहा है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। हालत यह है कि आसपास खड़ा होना भी मुश्किल है। यह किसी गांव की सड़क नहीं, शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके सुजाता चौक के पास की है। यहां नाली का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। चौक से लोग नाक पर रूमाल रख गुजरते हैं। वहीं, दोपहर करीब तीन बजे के आसपास नाली निर्माण का काम लेने वाले ठेकेदार हरे राम सिंह मौके पर पहुंचे और सड़क पर बह रहे पानी को निकालने की कोशिश में जुट गए। बाद में मोटर द्वारा पानी निकाला। दरअसल, रोड एंड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट द्वारा सुजाता चौक से क्लब रोड की ओर 165 फीट नाली निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए यह गढ्डा खोदा गया था। लोगों ने बताया कि गढ़्डा खोदने के बाद अगले दिन से काम बंद कर दिया गया। इस दौरान मेन रोड की ड्रेन से पानी का रिसाव होने लगा और सड़क पर बहने लगा। उन्होंने इसकी शिकायत डिप्टी मेयर संजीव वियजवर्गीय व नगर विकास मंत्री से भी की। लेकिन हुआ कुछ नहीं। हालांकि डिप्टी मेयर ने कहा कि मेरे स्तर जो हो सकता था।, मैंने कोशिश की। क्लब रोड, सिरमटोली, बहू बाजार के पास भी जमा है गंदा पानी
यही हाल सिरमटोली चौक का भी है। यहां भी नाली जाम होने के कारण इसका गंदा पानी सड़क किनारे जमा हो गया है, जिससे बदबू आ रही है। यहां ऑटो का पिकअप प्वाइंट है। इस दौरान लोग नाक में रूमाल रख कर यहां ऑटो का इंतजार करते हैं। इसके अलावा बहू बाजार चौक से थोड़ा पहले चार्टर्ड बाइक का डॉक्स है, ठीक उसी के बगल में सड़क किनारे नाली का गंदा पानी जमा है। जो बीमारियों को दावत दे रहा है। लेकिन निगम के अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है। ट्रैफिककर्मी ने कहा, सीने में हो रहा है दर्द
सुजाता चौक पर तैनात ट्रैफिक कर्मी ने कहा कि तीन दिन से यही हाल है। तेज बदबू के कारण मास्क लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन फिर भी काफी परेशानी हो रही है। यहां तक कि दो दिन से सीने में दर्द भी हो रहा है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। रात में गढ़्डा खोदकर चले गए, सुबह देखा दुकानों के शटर थे क्षतिग्रस्त
दुकानदारों ने बताया कि बुधवार देर रात नाली निर्माण के लिए गढ्डा खोदा गया। बुधवार सुबह तक हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। वहीं, गुरुवार सुबह जब हम दुकान खोलने आए तो देखा की दुकान के आगे गढ्डा खोदा हुआ है और शटर भी क्षतिग्रस्त है।
दुकानदारी हुई चौपट
नाली निर्माण के लिए दुकान के बिल्कुल किनारे गढ्डा खोदकर छोड़ देने से उनकी दुकानदारी पर भी असर हुआ है। दुकानदारों ने कहा कि पंद्रह दिन पहले नाली निर्माण के लिए गढ्डा खोदा गया था। लेकिन गढ्डा खोदकर इसे छोड़ दिया गया। लेकिन जब नाली का पानी सड़क पर बहने की खबर अखबारों में छपी, उसके बाद ये आज(बुधवार) आए हैं। कोट-----
मैंने पीडब्लयूडी विभाग के कार्यपालक अभियंता से बात कर उन्हें काम की गति बढ़ाने को कहा है। यह ड्रेन मेन रोड के ड्रेन को क्लब रोड के ड्रेन से जोड़ेगा। परेशानी इस बात की है कि अगर यह ड्रेन बन भी जाएगा, तो भी दोनों ड्रेन के लेवल में अंतर होगा और सुजाता चौक से क्लब रोड की तरफ (लगभग 200 फीट पर) ड्रेन ओवर फ्लो की समस्या शिफ्ट हो जाएगी। गोस्सनर कॉलेज के पास एक कलर्वट है, जिसमें क्लब रोड के ड्रेन के लेवल को मेंटेन करते हुए पुनर्निर्माण कर मिलने से ही समस्या का समाधान होगा। पीडब्लयूडी को कराए जा रहे कार्य को इस हद तक संशोधित करने के लिए अनुरोध पत्र कल भेजा गया है। बाकी शहर की सभी समस्याओं के लिए निगम के अधिकारी जि़म्मेवार तो है ही।
मनोज कुमार, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम सुजाता चौक के पास नाली निर्माण का कार्य किया जा रहा है, जिसका काम बहुत धीमा हो रहा है। यह कार्य नगर निगम के द्वारा नहीं किया जा रहा है और न निगम को इसकी जानकारी है। काम आरसीडी द्वारा किया जा रहा है। क्योंकि नाली का गंदा पानी पूरे चौक पर बह रहा जिससे वहा से आने जाने वालों को बदबू और गंदगी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
जरमिन टोप्पो, वार्ड पार्षद लोगों की प्रतिक्रिया
पंद्रह दिन पहले नाली निर्माण के लिए गढ्डा खोदा गया। लेकिन इसके बाद कोई काम नहीं हुआ। रोड में नाली का गंदा पानी बह रहा है। जिसके कारण दुकान में ग्राहक कम आ रहे हैं।
रविशंकर, दुकानदार दुकान के सामने गढ्डा खोदकर छोड़ दिया गया है। ग्राहक नहीं आ रहे हैं। दुर्गध के कारण दुकान में बैठना तक मुश्किल है।
अनिल अग्रवाल, दुकानदार
सड़क में बह रहे नाली के पानी के कारण जब भी यहां से गुजरता हूं नाक पर रूमाल रख कर गुजरना पड़ता है। शहर के मुख्य चौराहे पर समस्या है। लेकिन किसी ने अब तक एक्शन नहीं लिया।
रवि कुमार पासवान, राहगीर चौक से गुजरने में काफी परेशानी हो रही है। जब भी इधर से गुजरना होता है। नाक बंद करके गुजरता हूं। यह शहर का मुख्य चौराहा है। बावजूद इसके ये हाल है। नगर निगम के अधिकारी कितने जिम्मेदार हैं।
बिन्देश्वर पासवान, राहगीर