अपर बाजार में दवा व्यवसायी व बरियातू में ओला कंपनी के मैनेजर ने की आत्महत्या
नशीली दवा के सेवन से रोक रहे पिता से हुई थी नोकझोंक, पिता ने भी की आत्महत्या की कोशिश
जागरण संवाददाता, रांची :
आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच रविवार रात भी दो लोगों ने फंदे से लटक कर जान दे दी, जबकि एक अन्य ने आत्महत्या की कोशिश की। अपर बाजार के दवा व्यवसायी सत्यजीत चौधरी को नशे का सेवन करने से पिता ने मना करते हुए खरी-खोटी सुनाई तो उन्होंने फंदे से झूलकर जान दे दी। वहीं व्यवसायी के पिता सुशांत चौधरी ने भी ढेर सारी नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की।
उधर बरियातू के रामेश्वम कॉलोनी के एक फ्लैट में रहने वाले ओला कंपनी के मैनेजर सुमित कुमार (32) भी रस्सी का फंदा बनाकर झूल गए। दोनों ही मामलों में अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया गया है। एक कोतवाली और दूसरा बरियातू थाने में मामला दर्ज किया है। मैनेजर की आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। नशा करने से मना करने पर पिता से उलझे, पिता ने खाई दवा तो खुद झूल गए
कोतवाली इलाके के श्रद्धानंद रोड मधुकर अपार्टमेंट में रहने वाले मां उग्रतारा मेडिकल के संचालक सत्यजीत चौधरी (36) पिता से हुई नोकझोंक के बाद चादर का फंदा बनाकर वे पंखे के सहारे लटके थे। उन्होंने यह कदम तब उठाया जब उन्हें पिता सुशांत चौधरी (65)ने नशीली दवाओं के सेवन से रोका। इस पर वे पिता से उलझ गए। पिता से उलझने के बाद पिता ने सत्यजीत द्वारा सेवन करने वाली नींद की दवाओं को ही अधिक मात्रा में खाकर जान देने की कोशिश की। इस घटना के बाद सत्यजीत ने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर आत्महत्या कर ली।
सत्यजीत चौधरी की पत्नी अनीशा चौधरी ने पुलिस को बयान दिया है कि वे अकसर नशा करते थे और नींद की गोलियां खाते थे। ससुर बार- बार नशा करने के लिए मना करते थे पर सत्यजीत नहीं मानते थे। इसी बात पर ससुर ने नींद की गोली खा ली। गोली खाने के बाद ससुर की तबीयत खराब हो और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वे फिलहाल ऑर्किड अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी स्थिति गंभीर बनी है। वे शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे।
अनीशा ने पुलिस को बताया कि ससुर को अस्पताल भेजने के बाद वह 10 मिनट के लिए घर से बाहर गई थी। वापस लौटी तो सत्यजीत फासी लगा चुके थे। पुलिस के पहुंचने के बाद दरवाजा तोड़ा गया और सत्यजीत को फंदे से नीचे उतारा गया।
उधर ओला कंपनी के मैनेजर सुमित कुमार पहले क्षत्तीसगढ़ के रायपुर में पदस्थापित थे। तबादले के बाद 15 जुलाई को राची आए थे। कंपनी में कार्यरत सहकर्मी विवेक कुमार ने पुलिस को बताया कि शनिवार से सुमित के मोबाइल पर फोन किया जा रहा था पर नहीं लगा रहा था। सुमित का दोस्त तारिक हुसैन ओला कंपनी के कार्यालय से उसे ढूंढते हुए घर पहुंचा जहां फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा को तोड़ा गया तो सुमित फासी के फंदे पर झूलता मिला। पुलिस ने आशंका जताई है कि शनिवार को ही सुमित ने आत्महत्या कर ली थी। शव से बदबू भी आ रही थी।