Fire in Jharkhand Assembly: चीफ इंजीनियर करेंगे झारखंड विधानसभा में लगी भीषण आग की जांच
Fire in Jharkhand Assembly ये आग लगने के कारणों की प्रशासनिक जांच रिपोर्ट दो से तीन दिनों में भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार को सौंपेंगे।
खास बातें
- सरकार नहीं करेगी, ठेका कंपनी को पूरा करना होगा काम
- तीन सदस्यीय प्रशासनिक जांच कमेटी दो दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी
- भवन की पूरी पड़ताल के बाद ही हैंडओवर की प्रक्रिया होगी पूरी
- एक सप्ताह में पूरी तरह भवन को दुरुस्त करने का दावा
- पांचवीं विधानसभा के सत्र को लेकर संशय की आशंका को खारिज किया भवन निर्माण विभाग ने
रांची, राज्य ब्यूरो। Fire in Jharkhand Assembly नए विधानसभा भवन में आग लगने के मामले की प्रशासनिक जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है। इसका नेतृत्व भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर बीके सिन्हा करेंगे। जांच दल में विभाग के अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता भी शामिल हैं। ये आग लगने के कारणों की प्रशासनिक जांच रिपोर्ट दो से तीन दिनों में भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार को सौंपेंगे।
यह रिपोर्ट पुलिस की जांच से अलग होगी। इस मामले में सुनील कुमार तमाम गतिविधियों की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। बता दें कि रांची स्थित नए विधानसभा भवन के एक हिस्से में बुधवार को आग लग गई थी और उस हिस्से को काफी नुकसान पहुंचा है। आग लगने से हुए नुकसान का अभी पूरी तरह आकलन नहीं किया गया है, लेकिन सरकार की ओर से एक बात स्पष्ट है कि यह ठेकेदार की परेशानी है।
जब तक भवन हैंडओवर नहीं लिया जाता, तब तक की समस्याओं से सरकार को कुछ लेना-देना नहीं है। आग लगने के बाद भी भवन के अंदर का फायर फाइटिंग सिस्टम दुरुस्त पाया गया और इसका उपयोग आग बुझाने में भी हुआ था। सीवरेज, ड्रेनेज, इलेक्ट्रिक अरेंजमेंट आदि दुरुस्त होने के बाद ही भवन हैंडओवर लिया जाएगा। इस दौरान कई प्रकार की विभागीय जांच की जाएगी। बुधवार को भवन के कुछ इलाकों में ह्वाइट वाशिंग का काम चल रहा था, जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
बरसात के मौसम में कुछ इलाकों में पानी के कारण भवन का रंग हल्का हो गया था। आग की इस घटना से विधानसभा के नए सत्र में कोई देरी होने के सवाल को विभागीय स्तर से सिरे से खारिज किया जा रहा है। किसी प्रकार की साजिश की बात पर विभाग को पुलिसिया जांच का भी इंतजार है। विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि हैंडओवर से पहले के तमाम नुकसान से सरकार को कोई लेना-देना नहीं है। यह एजेंसी के जिम्मे है।
'सात दिनों में विधानसभा भवन अपनी पुरानी स्थिति से बेहतर स्थिति में होगी। इस घटना की जांच की जा रही है, लेकिन इससे सत्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बिना दुरुस्त हुए भवन हैंडओवर लेने का सवाल ही नहीं है।' -सुनील कुमार, सचिव, भवन निर्माण विभाग।