बजट : झारखंड चैंबर ने बजट को सराहा
नए उद्योग स्थापित करने के लिए जियाडा के तहत आधारभूत संरचना के निर्माण की स्वीकृति मिलने पर खुशी जाहिर की।
जासं, रांची : नए उद्योग स्थापित करने के लिए जियाडा के तहत आधारभूत संरचना के निर्माण की स्वीकृति, सिंगल विंडो सिस्टम और पूंजी निवेश के लिए औद्योगिक प्रस्तावों के त्वरित निष्पादन करने की योजना स्वागत योग्य है। पर्यटन स्थलों को विकसित करने की योजना भी सराहनीय है। हालांकि हमें उम्मीद थी कि राज्य में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिए सरकार द्वारा राज्य की विद्युत वितरण व्यवस्था को प्रोफेशनल के हाथों सौंपा जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कुणाल अजमानी, अध्यक्ष बजट में सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि व पर्यटन विकास की दिशा में ध्यान दिया है। यह अच्छी बात है। नए उद्योगों के लिए प्रत्येक जिले में एक औद्योगिक क्षेत्र की अनिवार्यता के साथ 50 एकड़ अतिरिक्त लैंड बैंक की माग चैंबर ने की थी। लेकिन आधारभूत संरचना की बात सिर्फ कही गई है जिससे थोड़ी निराशा हुई। इसी प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कायरें का संचालन पीपीपी मोड पर करने, शहरी एवं स्लम क्षेत्रों में मोहल्ला क्लिनिक को व्यापक स्वरूप देने तथा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 15 नगर निकायों में आगामी वित्तीय वर्ष में प्लाट चालू करने का निर्णय अच्छा है।
धीरज तनेजा, महासचिव राज्यवासी निर्बाध विद्युत आपूर्ति के अभाव में त्रस्त हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार राज्यवासियों की पीड़ा को समझते हुए विद्युत व्यवस्था निजी हाथों में सौंपेगी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बजट के माध्यम से सरकार द्वारा राज्य में फल, सब्जी, फूलों के भंडारण के लिए कुल 24 सोलर कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, 300 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले परिवारों को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने तथा कई प्रमुख शहरों में जलापूर्ति, सड़कों का चौड़ीकरण, स्वास्थ्य सुविधाएं, अंतरराज्यीय बस स्टैंड व परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजनाएं स्वागत योग्य हैं।
प्रवीण जैन छाबड़ा, उपाध्यक्ष बजट में पूरे राज्य के समेकित विकास की बात कही गई है। देखना होगा कि बजट में जिन योजनाएं का उल्लेख किया गया है धरातल पर कब आती हैं। मिनी टूल रूम के द्वारा स्थानीय व ग्रामीण उद्योगों को उन्नत तकनीक व उपकरण उपलब्ध करवाना राज्य के विकास के लिए अच्छी पहल है। डायल 100, 102, 108 सहित अन्य को एकीकृत कर डायल 112 चालू होने से ज्यादा से ज्यादा राज्यवासी इसका लाभ ले सकेंगे।
विकास विजयवर्गीय, सह सचिव बजट में इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिग क्लस्टर के लिए आयडा को राशि आवंटित करने का प्रावधान किया गया है। यह अच्छा कदम है। देवघर सहित 5 शहरों में आधुनिक बस पड़ाव के निर्माण से राज्य में परिवहन में एक नया आयाम स्थापित होगा।
मनीष सर्राफ, कोषाध्यक्ष औद्योगिक क्षेत्रों की आधारभूत संरचना को सुव्यवस्थित करने का प्रयास स्वागत योग्य है। हालाकि जितनी जगहों पर सरकार द्वारा पूर्व में भूमि आवंटित की गई है, वहा निवेशकों से पैसा लेने के बाद भी भूमि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। सरकार से आग्रह है कि वर्तमान औद्योगिक क्षेत्र के विकास के साथ ही राज्य में नए औद्योगिक क्षेत्र की भी स्थापना करे। दलमा, चाडिल, गेतलसूद, बेतला को इको टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए बजटीय लक्ष्य सराहनीय है। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए बजटीय प्रावधान सराहनीय हैं। सिंगल विंडो सिस्टम योजना के तहत पूंजी निवेश हेतु औद्योगिक प्रस्तावों के त्वरित निष्पादन किये जाने की योजना सराहनीय है।
दीपक मारू, पूर्व अध्यक्ष बजट में प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के साथ ही पूर्व से स्थापित व्यापारियों व उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रदेश के आर्थिक विकास में सहभागी व्यापारियों के विकास के लिए चिंतित नहीं है।
ललित केडिया, पूर्व अध्यक्ष शहरी परिवहन को व्यवस्थित करने के लिए राची सहित धनबाद एवं जमशेदपुर में पीपीपी मोड पर अंतराज्यीय बस अडड तथा राची/धनबाद में ट्रासपोर्ट नगर के साथ ही अन्य स्थानों पर पार्किंग व वेंडर मार्केट के निर्माण का प्रस्ताव स्वागत योग्य है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार के इस प्रयास से यातायात संबंधित कई समस्याओं का समाधान स्वत: संभव होगा।
पवन शर्मा, पूर्व अध्यक्ष राज्य में स्कूली शिक्षा के साथ ही उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार का बजटीय प्रयास स्वागत योग्य है। हमें अपेक्षा थी कि कक्षा 1 से 12 तक की स्कूली शिक्षा को अन्य राज्यों की तर्ज पर मुफ्त किया जायेगा। किंतु ऐसा नहीं किया गया है। राज्य में उच्चतर शिक्षा को और व्यापक बनाने हेतु झारखंड खुला विवि की स्थापना का प्रयास सराहनीय है।
विष्णु बुधिया, पूर्व अध्यक्ष राज्य के विभिन्न जिलों में सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न आधारभूत संरचनाओं की पहचान करने तथा विकास के विभिन्न मानकों में राज्य के जिलों की परस्पर स्थिति के आकलन के लिए विलेज मैपिंग ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सोशल इंडीसेस के मद में वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुझे लगता है कि इस कार्य के लिए आवंटित राशि काफी कम है क्योंकि राज्य में जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य हों, वो केवल मंत्री/अधिकारी की सोच से ना होकर, प्लान्ड वे में हों।
विनय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष जमीन की वर्तमान दर पर भूमि खरीदकर उद्योग लगाना संभव नहीं है। ऐसे में उद्योगों के लिए निम्न दर पर जमीन की उपलब्धता हेतु बजट में प्राथमिकता दिये जाने की उम्मीद थी। बजट के माध्यम से स्टार्टअप कैपिटल वेंचर फंड योजना के तहत एमएसएमई आईटी सहित अन्य प्रक्षेत्र के प्रमोशन एवं अनुसंधान कार्य कराने तथा पर्यटन विकास के लिए वित्त मंत्री द्वारा घोषित बजटीय प्रावधान स्वागत योग्य है।
संजय अखौरी, उप समिति चेयरमैन