राज्यसभा चुनाव: बसपा के कुशवाहा शिवपूजन मेहता का भी क्रॉस वोटिंग से इन्कार
हुसैनाबाद से बसपा के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता का दावा है कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग नहीं की।
प्रदीप सिंह, रांची। राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग को लेकर शक के दायरे में आए हुसैनाबाद से बसपा के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता का दावा है कि उन्होंने क्रॉस वोटिंग नहीं की। उन पर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने चुनौती दी है कि अगर किसी के पास सबूत है तो पेश करे। वे हनुमानजी की तरह सीना चीरकर नहीं दिखा सकते कि उन्होंने धीरज प्रसाद साहू के पक्ष में वोट किया। दैनिक जागरण संग खास बातचीत में उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि अगर वे धीरज प्रसाद साहू की बजाय भाजपा के प्रदीप सोंथालिया को वोट देते तो उनकी जीत नहीं होती। वे पार्टी सुप्रीमो मायावती से हुई बातचीत का हवाला भी इस बाबत देते हैं।
उनका कहना है कि चुनाव जीत जाने के बाद अनर्गल आरोप लगाना ठीक नहीं है। वे किसी को बोलने से भी नहीं रोक सकते लेकिन मजबूती के साथ यूपीए संग खड़े हैं। कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने दावा किया है कि अगर कोई क्रास वोटिंग का आरोप साबित कर दे तो वे राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि 23 को झारखंड की दो सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने एक सीट तो आराम से जीत ली। लेकिन, दूसरी सीट पर उसे कड़े मुकाबले में कांग्रेस ने मात दी। कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी से महज .01 अधिक वोट मिले। जो मतों के लिहाज से देश की सबसे छोटी जीत रही।
नहीं रद हुआ मेरा वोट
बसपा विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता यह भी दावा करते हैं कि उनका वोट रद नहीं हुआ। उन्होंने यूपीए के प्रत्याशी धीरज प्रसाद साहू के पक्ष में वोट दिया। बैलेट पेपर पर हस्ताक्षर करने संबंधी आ रही बातों को वे सिरे से नकारते हैं। उनका कहना है-मैं कोई बच्चा नहीं हूं कि बैलेट पेपर पर साइन करूंगा। इससे पहले तीन बार राज्यसभा चुनाव के लिए वोट दे चुका है। पिछली बार यूपीए को वोट नहीं दिया था तो इसे खुलकर स्वीकार भी किया था।
सवाल बरकरार, किसने की क्रास वोटिंग
राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करने वाले विधायकों में झाविमो के प्रकाश राम स्पष्ट तौर पर चिन्हित किए जा चुके हैं। झाविमो के पोलिंग एजेंट बंधु तिर्की इसे स्वीकार चुके हैं। इस आरोप में पार्टी ने उन्हें निलंबित भी कर दिया। मासस के अरूप चटर्जी शक के दायरे में हैं लेकिन उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया है। वे झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। शक की जद में आने वाले बसपा के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता भी खुद को पाक-साफ बता रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्रास वोटिंग आखिरकार किन विधायकों ने की? शक के दायरे में आने वाले विधायकों से इतर भी कोई इसमें शामिल था?