टू जी के नेटवर्क पर फोर जी सिम बेच ग्राहकों को ठग रहा BSNL
हरमू के रमेश कुमार ने जब बीएसएनएल ऑफिस के सामने 4 जी सिम बिकते देखा तो उन्होंने इसे खरीद लिया। सिम बेच रहे युवक ने बताया कि 4 जी चलेगा। लेकिन जब रमेश ने उसे अपने मोबाइल में लगाया।
रांची[मुजतबा हैदर रिजवी]। हरमू के रमेश कुमार ने जब बीएसएनएल ऑफिस के सामने 4 जी सिम बिकते देखा तो उन्होंने इसे खरीद लिया। सिम बेच रहे युवक ने बताया कि 4 जी चलेगा। लेकिन, जब रमेश ने उसे अपने मोबाइल में लगाया तो सिम कुछ देर 3 जी नेटवर्क पर रहने के बाद टू जी पर आ गया। मोबाइल की स्क्रीन पर 2 जी का नेटवर्क देख रमेश कुमार के मुंह से अनायास निकला बीएसएनएल ने ठग लिया। बीएसएनएल के 4 जी सिम के फरेब में फंसने वाले सिर्फ रमेश कुमार ही नहीं है। राजधानी में ऐसे हजारों लोग हैं जिन्होंने झांसे में आकर बीएसएनल का का 4 जी सिम खरीदा और ठगे गए। कुछ लोगों ने बीएसएनएल ऑफिस जाकर पूछा तो पता चला कि रांची में बीएसएनल का 4 जी नेटवर्क नहीं है।
इस पर लोगों ने अधिकारियों से पूछा कि जब 4 जी नेटवर्क नहीं है तो फोर जी सिम क्यों बेच रहे हैं। लोगों को यह क्यों नहीं बता जा रहा कि यहां 3 जी नेटवर्क ही है।गौरतलब है कि रांची में बीएसएनल का 4 जी नेटवर्क नहीं है। हद तो यह है कि स्मार्टफोन में बीएसएनएल का 3 जी नेटवर्क भी नहीं चलता। कुछ देर तक 3 जी नेटवर्क दिखता है। उसके बाद मोबाइल 2 जी पर आ जाता है। ऐसे में 4 जी सिम बेचकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। 4 जी नेटवर्क कब आएगा। बीएसएनएल के अधिकारी भी इस बाबत कुछ बता नहीं पा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय दूरसंचार विभाग जब चाहेगा तो रांची में 4 जी नेटवर्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू होगी। अधिकारियों का कहना है कि रांची में 4 जी नेटवर्क तैयार करने का प्रस्ताव केंद्रीय दूरसंचार विभाग को भेजा गया है। लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
कई इलाकों में तो कभी थ्री जी तो कभी टू जी आता है
रांची और आसपास के 6 जिलों में बीएसएनएल के 25 हजार टावर हैं। इनमें से 300 टावर 3 जी के हैं। बाकी 24 हजार 700 टावर 2 जी के हैं। यही वजह है कि बीएसएनएल राजधानी में कुछ ही इलाके हैं जहां 3जी का मजबूत नेटवर्क है। कोकर, रमजान कॉलोनी, कांटा टोली, मौलाना आजाद कॉलोनी, हिंदपीढ़ी, बांधगाड़ी, लालपुर आदि कई इलाकों में नेटवर्क कभी थ्री जी तो कभी टू जी पर आता जाता रहता है। नेटवर्क कुछ देर 3 जी पर चलने के बाद फिर 2 जी पर आ जाता है।
बीएसएनल के एक अधिकारी बताते हैं कि अगर 3जी नेटवर्क पर ही रहना है तो नेटवर्क को मैनुअल ढंग से सिलेक्ट कीजिए। लेकिन इन दिनों जो ज्यादातर मोबाइल सेट आ रहे हैं उनमें नेटवर्क ऑटो सेटिंग से ही सेट होता है। यानी अगर उसे 3 जी नेटवर्क ठीक से मिल रहा है तभी ठीक 3 जी पर रहेगा। वरना 2 जी पर आ जाएगा। नेटवर्क के 2 जी पर आते ही व्हाट्सएप समेत अन्य ऐप काम करना बंद कर देते हैं।
बीएसएनएल के गेट पर सिम के लिए जा रहे अधिक रुपये :
बीएसएनल गेट के सामने से बरियातू के रहने वाले एक युवक इफ्तिखार अली ने अपने बीएसएनल के 3 जी सिम को हटाकर 4 जी सिम लिया था। बीएसएनल ऑफिस के सामने कैनोपी लगाकर बैठे एक युवक ने इसके लिए इफ्तिखार से 100 रुपये ले लिए। लेकिन 4 जी सिम चालू नहीं हुआ। युवक इफ्तिखार को तीन दिन से दौड़ा रहा था। चौथे दिन इफ्तिखार बीएसएनल ऑफिस के सामने लगे कैनोपी पर गए तो पता चला युवक नहीं आया। इस पर वह सीधे जीएम के पास पहुंच गया। जीएम ने उन्हें बताया कि 4 जी का सिम मुफ्त दिया जा रहा है। अगर कोई अपने पुराने 3 जी सिम की जगह उसी नंबर का 4 जी सिम लेना चाहता है तो उसे 50 रुपये ही देना है।
इस पर इफ्तिखार ने उनसे शिकायत की कि दफ्तर के बाहर कैनोपी लगाए युवक ने उनसे 100 रुपये ले लिया। इस पर जीएम ने फौरन अपने एक कर्मचारी को फोन किया और उसे अधिक पैसे लेने पर फटकार लगाई। इसके बाद कर्मचारी ने इफ्तिखार का 50 रुपये वापस किया और 4 जी सिम भी चालू कर दिया।रांची के आसपास के 6 जिलों में है 4 जी सेवा : बीएसएनएल की 4 जी सेवा राजधानी में नहीं है। बीएसएनएल के अधिकारियों का दावा है की राजधानी के आसपास के जिलों गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, पलामू, गढ़वा आदि इलाके में बीएसएनएल ने 4 जी नेटवर्क की सेवा दी है। अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय दूरसंचार विभाग की नीति है कि ग्रामीण इलाकों में 4 जी सेवा दी जाए इसलिए वहां पहले दे दी गई।
राजधानी में थ्री जी टावर की कमी के चलते कमजोर है बीएसएनएल का नेटवर्क
25000 टावर हैं बीएसएनएल के रांची और आसपास के 6 जिलों में
300 टावर 3 जी के हैं
24700 टावर 2 जी के हैं