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मां की मौत के तुरंत बाद नेत्रदान, भाई-बहन के जज्‍बे से लौटी दो आंखों की रोशनी

मां की मौत के बाद दान की गई आंखों से दो लड़कियों के जीवन में उजियारा फैल गया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 06:46 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 06:46 PM (IST)
मां की मौत के तुरंत बाद नेत्रदान, भाई-बहन के जज्‍बे से लौटी दो आंखों की रोशनी
मां की मौत के तुरंत बाद नेत्रदान, भाई-बहन के जज्‍बे से लौटी दो आंखों की रोशनी

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स ने  इसी 14 सितंबर को इतिहास रचा जब यहां पहली बार कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया। लेकिन बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि इसके पीछे भाई-बहन की सोच और उनका जज्बा शामिल था जिससे दो लोगों की आंखों की रोशनी मिली। इनके जज्बे को राज्य सरकार ने भी सराहा। स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने भाई-बहन सहित पूरे परिवार को सम्मानित किया।

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जानकारी हो कि किडनी मरीज सीता देवी का रिम्स में निधन हुआ था। उनकी बेटी ज्योति ने रिम्स से ही बीआइटी सिंदरी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अपने भाई आशीष से फोन पर बात कर न केवल अपनी मां का नेत्रदान कराने का लिया। इसके साथ ही मां के आकस्मिक निधन से उत्पन्न सदमे में भी खुद को जागरूक रखा। उन्होंने रिम्स में लगे नेत्रदान के पोस्टर पर  नंबर देखकर नेत्र विशेषज्ञ को बुलाया।

उस समय तक रिम्स प्रबंधन पहले मरीज के कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए इस तरह के फोन का इंतजार ही कर रहा था। ज्योति के प्रयास से समय पर कॉर्निया निकालकर दो लड़कियों को ट्रांसप्लांट किया जा सका। ज्योति भी कोलकाता से इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई कर रही है।

धनबाद के सब्जी विक्रेता पिता को है बच्चों पर गर्व : धनबाद के धनसार में एक चौक पर सब्जी दुकान चलानेवाले अशोक कुमार मोदी को अपने बच्चों पर गर्व है। वे बताते हैं कि उनकी पहल से ही दो लड़कियों को आंखों की रोशनी मिल सकी। उन्होंने कहा कि बच्चों ने इसका फैसला लिया था, जिसका परिवार ने भी समर्थन किया। सब्जी बेचकर भी दो बच्चों की इंजीनियङ्क्षरग पढ़ाने के लिए भी उनकी सराहना हो रही है।

नेत्रदान बने परिवार की परंपरा : स्वास्थ्य सचिव ने परिवार को सम्मानित करते हुए कहा कि नेत्रदान महादान है। प्रत्येक परिवार में इसे लेकर परंपरा कायम होनी चाहिए। नेत्रदान स्वयं करें और दूसरों से भी कराएं। उन्होंने बताया कि रिम्स में सारे संसाधन उपलब्ध होने व प्रशिक्षण के बाद भी कॉर्निया का ट्रांसप्लांट नहीं हो रहा था। उन्होंने अनिवार्य रूप से सौ कॉर्निया ट्रांसप्लांट का लक्ष्य दिया है। इस साल पूरे राज्य में 250 कॉर्निया ट्रांसप्लांट का लक्ष्य है।

यहां कर सकते हैं फोन : रिम्स के आईबैंक में नेत्रदान करने के लिए 9430170366 या 9304724664 पर फोन कर सकते हैं।


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