रक्त जांच की गुणवत्ता को ले स्वास्थ्य विभाग गंभीर, अपर मुख्य सचिव ने कहा- एलिजा मशीन से जांच नहीं करनेवाले ब्लड बैंक को करें बंद
स्वास्थ्य विभाग रक्त जांच की गुणवत्ता को लेकर सख्त है। अपर मुख्य सचिव ने एलिजा मशीन से जांच नहीं करने वाले ब्लड बैंकों को बंद करने का आदेश दिया है। विभाग का उद्देश्य मरीजों को सुरक्षित रक्त उपलब्ध कराना है और जांच में किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिस बल्ड बैंक में एलिजा मशीन से रक्त की जांच नहीं होगी, उसे बंद करने की चेतावनी दी गई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा है कि जिस बल्ड बैंक में एलिजा मशीन से रक्त की जांच नहीं होगी, उसे बंद कर दिया जाएगा। इसलिए सभी ब्लड बैंक में अनिवार्य रूप से इसकी व्यवस्था की जाए।
सिविल सर्जन से मंतव्य के साथ मांगी ब्लड बैंकों की आडिट रिपोर्ट
अपर मुख्य सचिव शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्लड बैंकों के सुचारू रूप से संचालन एवं निगरानी की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिले के ब्लड बैंकों की जांच रिपोर्ट शनिवार तक विभाग को भेजें।
साथ ही उसमें अपना मंतव्य अवश्य जोड़ें। कहा, सभी सिविल सर्जन अपने जिले के उपायुक्त के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा करें। वहीं, विभाग की विशेष सचिव सह झारखंड आरोग्य सोसाइटी की कार्यकारी निदेशक डा. नेहा अरोड़ा ने कहा कि यदि किसी भी जिले में कोई कमी है तो उसे चिह्नित कर शीघ्र सुधार किया जाए।
ब्लड डोनर्स की संख्या बढ़ाने और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर
उन्होंने ब्लड डोनर्स की संख्या बढ़ाने और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर विशेष जोर दिया। सिविल सर्जनों को अपने जिले के सभी ब्लड सेंटर्स का नियमित सुपरविजन करने और रिकार्ड की जांच करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में यह भी कहा गया कि जहां ब्लड बैंक नहीं हैं, वहां ब्लड स्टोरेज यूनिट का रिक्विजीशन भेजा जाए। औषधि निदेशालय द्वारा इसकी गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी।
जिनका लाइसेंस नवीकरण नहीं, उन ब्लड बैंकों को बंद करने का आदेश
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ब्लड की जांच केवल उन्हीं केंद्रों पर किया जाए जिनका नवीकरण वैध है। आवश्यकता पड़ने पर जांच रिम्स में कराई जा सकती है।
सभी सिविल सर्जनों को अपने जिले के प्राइवेट ब्लड बैंकों की भी निगरानी करने का निर्देश दिया गया। जिन बैंकों का नवीकरण नहीं हुआ है, वहां टेस्टिंग पर रोक लगाने को कहा गया। इसके साथ ही सभी जिलों में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करने पर बल दिया गया ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान के लिए प्रेरित हों।
मरीजों को नहीं हो खून की कमी
अधिकारियों ने कहा कि जिला स्तर के अधिकारी जैसे उपायुक्त, उप विकास आयुक्त एवं सिविल सर्जन स्वयं रक्तदान कर जनता को प्रोत्साहित करें। बैठक के अंत में सभी जिलों को ई-रक्त कोष प्रणाली में आवेदन करने का निर्देश दिया गया।
अधिकारियों ने दोहराया कि किसी भी स्थिति में मरीजों को रक्त की कमी से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। ऐसी शिकायत कहीं से नहीं आनी चाहिए कि मरीज आया और अस्पताल के पास रक्त की कमी रही। सभी ब्लड बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि मरीज को उसकी उपलब्धता के अनुरूप रक्त उपलब्ध हो।
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