जानें झारखंड में स्टांप के लिए क्यों मची है मारामारी, कहां हो रही कालाबाजारी; पढ़ें क्या है मामला Ranchi News
झारखंड में 300 करोड़ के स्टांप उपलब्ध हैं। 11 करोड़ रुपये के एक से बीस तक के स्टांप और 289.49 करोड़ रुपये (25 से उपर) के ज्यूडिशियल स्टांप रांची ट्रेजरी में उपलब्ध हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। ट्रेजरी में 300 करोड़ रुपये से ज्यादा के स्टांप उपलब्ध हों और झारखंड हाई कोर्ट सहित पूरे राज्य की निचली अदालत में इसकी कमी हो तो इसे क्या कहेंगे। इससे प्रतीत हो रहा है कि स्टांप की कालाबाजारी की जा रही है। दरअसल, अधिवक्ता लिपिक संघ के अध्यक्ष डीसी मंडल की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
विभाग की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया है कि ज्यूडिशियल और नन ज्यूडिशियल स्टांप की कोई कमी नहीं है। 11 करोड़ रुपये के एक से बीस तक के स्टांप और 289.49 करोड़ रुपये (25 से उपर) के ज्यूडिशियल स्टांप रांची ट्रेजरी में उपलब्ध हैं। एक और दो रुपये के स्टांप की छपाई के लिए नासिक स्थित प्रिंटिंग प्रेस को सूचित कर दिया गया और उनकी ओर से बताया गया है कि स्टांप की छपाई हो गई है और जल्द ही उसे भेज दिया जाएगा।
शपथ पत्र में यह भी बताया गया है कि समय-समय पर सभी जिलों को स्टांप भेजा जाता है। फिलहाल किसी भी जिला से स्टांप की मांग को लेकर दिया गया आवेदन लंबित नहीं है। संघ के अध्यक्ष डीसी मंडल ने बताया कि ट्रेजरी के पदाधिकारी कई सालों से यहां पर जमे हुए हैं और उनकी वजह से ही स्टांप की कमी हो रही है, जिससे कालाबाजारी बढ़ रही है।
महाधिवक्ता ने लिखा सभी डीसी को पत्र
महाधिवक्ता अजीत कुमार ने राज्य के सभी जिला उपायुक्तों को ज्यूडिशियल और नन ज्यूडिशियल स्टांप की उपलब्धता को लेकर पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि रांची सहित अन्य जिलों में स्टांप की कमी की शिकायत मिली है। 1, 2, 5 और दस रुपये के स्टांप की कमी होने से इसकी कालाबाजारी हो रही है। इसके लिए लोगों के ज्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे हैं। सभी उपायुक्त अपने जिलों में स्टांप की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।
हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
कोर्ट फीस सहित अन्य स्टांप की कमी को लेकर वर्ष 2002 में डीसी मंडल की ओर से याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में रांची सहित राज्य के अन्य जिलों में कभी भी स्टांप की कमी नहीं हो।