झारखंड में गरीबोंं का हक मार रहे कालाबाजारी, गोदाम तक नहीं पहुंचे चावलों से लदे 29 ट्रक, कोई नहीं दे रहा जवाब
झारखंड में गरीबों के बीच वितरित किए जाने वाले चावल की जमकर कालाबाजारी हो रही है। निर्धारित गोदाम तक ट्रक नहीं पहुंच रहे हैं संबंधित पदाधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं एक गोदाम का माल किसी और गोदाम में खाली काया जा रहा है।
प्रदीप सिंह, रांची। राज्य में गरीबों के बीच वितरित किए जाने वाले चावल पर कालाबाजारियों की नजर है। यही कारण है कि निर्धारित गोदामों तक के लिए चला ट्रक वहां तक नहीं पहुंचता है। आश्चर्यजनक यह भी है कि इसे लेकर तत्काल कोई हरकत भी नहीं होती।
गांडेय के गोदाम में नहीं पहुंचे चावल से लदे 25 ट्रक
जिम्मेदारी पदाधिकारी इसे लेकर पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब तक देना उचित नहीं समझते। पूरे प्रकरण में आपसी मिलीभगत की बू आती है। मामला गिरिडीह जिले के गांडेय एवं बिरनी प्रखंड का है। गिरिडीह के गांडेय स्थित गोदाम में जून, 2021 से नंबवर, 2022 तक खाद्यान्न के 25 ट्रक नहीं पहुंचे।
जवाब मांगने पर पदाधिकारी ने साध ली चुप्पी
इसके अलावा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) से इसी वर्ष 15 मार्च को भेजे गए चार ट्रक बिरनी गोदाम तक नहीं पहुंचे। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन ट्रकों के निर्धारित गंतव्य तक नहीं पहुंचने की जांच-पड़ताल आरंभ हुई तो जिम्मेदार पदाधिकारी ने इस बारे में पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब तक देने को जरूरी नहीं समझा।
स्पष्टीकरण देने के लिए कोई नहीं तैयार
झारखंड राज्य खाद्य निगम के गिरिडीह जिला प्रबंधक ने इस संबंध में झारखंड राज्य खाद्य निगम के प्रबंध निदेशक को भेजे गए पत्र में इसका उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा है कि प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक सुबीर कुमार परदेशी से इस संबंध में पूछताछ करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
एक गोदाम का माल दूसरे गोदाम में उतारने की कही गई बात
उन्होंने पत्र के साथ ट्रकों के रजिस्ट्रेशन नंबर भी भेजे थे, जिसके जरिए अनाज गोदाम तक भेजा गया था। इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने राज्य खाद्य आयोग के सदस्य सचिव द्वारा कार्रवाई को लेकर भेजे गए पत्र के जवाब में कहा कि 15 ट्रक धनवार गोदाम में खाली कराया गया, क्योंकि गांडेय गोदाम की क्षमता कम थी। उन्होंने पत्र में यह भी बताया है कि इसकी जानकारी गोदाम प्रबंधक द्वारा नहीं दी गई, जिसे लेकर कार्रवाई की जा रही है।
राज्य खाद्य आयोग ने डीएसओ की भूमिका को बताया संदिग्ध
इस प्रकरण को राज्य खाद्य आयोग ने गंभीरता से लेते हुए खाद्य आपूर्ति विभाग को रोक लगाने के सुझाव दिए हैं। फूड कारपोरेशन आफ इंडिया से अनाज लदे ट्रक को झारखंड राज्य खाद्य निगम के गोदामों तक पहुंचाने में बरती जा रही अनियमितता की ओर उन्होंने सचिव का ध्यान आकृष्ट किया है।
चावल पर खूब हो रही है कालाबाजारी
राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि कालाबाजारी के मामलों में अप्रत्याशित तरीके से वृद्धि हुई है। उन्होंने गिरिडीह के जिला आपूर्ति पदाधिकारी (डीएसओ) की भूमिका को संदिग्ध बताया है।
उनके मुताबिक डीएसओ ने प्रमाणित कालाबाजारी करने वालों को बचाने का प्रयास किया है। पूरे मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
एक गोदाम का माल अब नहीं पहुंचेगा दूसरे गोदाम
उन्होंने कहा है कि किसी भी ट्रक को निर्दिष्ट गोदाम की बजाय दूसरे गोदाम में अनाज जमा करने की मनाही की जाए। इस आदेश का सख्ती से पालन हो। इसे नहीं मानने वाले प्रबंधकों के खिलाफ प्रशासनिक दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की जाए।
मांडर से भी आई है ऐसी शिकायत
राज्य खाद्य आयोग को रांची के मांडर से भी गोदाम के विचलन की शिकायत मिली है। निर्धारित गोदाम तक ट्रक नहीं पहुंचने के कारण जिला प्रबंधक ने प्राथमिकी दर्ज कराई। मांडर गोदाम के लिए जारी अनाज को रातू गोदाम में रीसिव कराया गया था। इसकी भी गहनता से जांच करते हुए कार्रवाई की जाए।