झारखंड में आगे-आगे भाजपा; चुनावी मोड में आ गया संगठन
भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर संगठन की सबसे निचली इकाई बूथ कमेटी की मजबूती पर मंथन शुरू कर दिया है।
रांची, जेएनएन। झारखंड में चुनावी मोड में आ चुकी भाजपा ने अब संगठन की सबसे निचली इकाई बूथ को दुरुस्त करने में पूरी ताकत लगा दी है। प्रमंडलीय और जिला प्रभारियों की जिम्मदारी तय करने के बाद अब संगठन ने विधानसभावार कोर कमेटियों का गठन किया है।
ये कमेटियां बूथ स्तर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सौंपे गए अधूरे टास्क को पूरा करेंगी। इसके लिए एक माह की मियाद तय की गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के सभी प्रमंडलों में बैठक कर विधानसभा कोर कमेटियों को यह टास्क सौंपते हुए उन्हें उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया है।
बूथ जीतो, चुनाव जीतो के नारे के साथ 25 अगस्त को शुरू हुआ प्रमंडलीय बैठकों का सिलसिला समाप्त होने के बाद अब कवायद और निचले स्तर तक होगी। झारखंड में कुल बूथों की संख्या 29500 से है, इनमें से भाजपा अब तक 25 हजार बूथों पर अपनी संरचना खड़ी कर सकी है।
शेष 4500 अति संवेदनशील बूथों पर संगठन को खड़ा करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। भाजपा बूथ स्तर पर स्मार्ट फोन रखने वालों, मोटरसाइकिल सवारों और पन्ना प्रमुखों को भी तैयार कर रही है।
बूथ स्तर पर विपक्षी दलों से जुड़े प्रमुख और प्रभावी कार्यकर्ताओं में भी सेंध लगाने का भाजपा का इरादा है। इसके लिए एक टीम विशेष को तैयार किया जा रहा है।
पार्टी ने मिशन-2019 के लिए लोकसभा की सभी 14 और विधानसभा की 60 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को साधने के लिए भाजपा को पिछले चुनाव से 10 फीसद अधिक मत प्राप्त करने होंगे।
सत्ता और संगठन की भागीदारी से दस फीसद वोटों में इजाफे की रणनीति तैयार की गई है। विपक्ष की सत्ता विरोधी बयानबाजी के बीच केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच जाकर बताने की जवाबदेही भी भाजपा कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है।