बकस द चाचा... गलती हो गईल... अमित शाह, हेमंत सोरेन मुलाकात पर विधायक भानु प्रताप शाही की चुटकी...
Amit Shah Hemant Soren झारखंड के पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक भानु प्रताप शाही ने बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात को लेकर ट्विटर पर मंगलवार को बड़ा करारा तंज कसा है।
रांची, जेएनएन। Amit Shah, Hemant Soren झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और गढ़वा के भवनाथपुर के भाजपा के विधायक भानु प्रताप शाही ने बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात को लेकर ट्विटर पर मंगलवार को बड़ा करारा तंज कसा है। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन पर चुटकी लेते हुए लिखा- बकस द चाचा... गलती हो गईल...! राजनीतिक गलियारे में बीजेपी विधायक के इस ट्वीट की खासी चर्चा हो रही है। इस ट्वीट के इस तरह मायने निकाले जा रहे हैं कि चुनाव आयोग की नोटिस, ईडी की मनी लांड्रिंग, भ्रष्टाचार की जांच और झारखंड हाई कोर्ट के सीबीआइ जांच के 2 मुकदमे से चौतरफा संकट में घिरे हेमंत सोरेन अमित शाह से मिलकर रियायत का आग्रह कर रहे हैं। विधायक भानु प्रताप शाही के इस ट्वीट की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने इसे हेमंत सोरेन और अमित शाह दोनों को टैग किया है।
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बता दें कि सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई दिल्ली में अमित शाह और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। इस क्रम में जब मीडिया ने जब हेमंत सोरेन से मुलाकात की जानकारी मांगी, तो उन्होंने कहा कि शिष्टाचार मुलाकात थी। तब उन्होंने कहा जो हुआ आपने देखा, बाकी ब्रेक के बाद...। इससे पहले झामुमो की ओर से कहा गया था कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू या संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में समर्थन की घोषणा करने से पहले हेमंत सोरेन गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे। इस क्रम में उनकी केंद्र सरकार से झारखंड की अपेक्षाएं रखी जाएंगी।
बकस द चाचा ..
गलती हो गईल ...@AmitShah @HemantSorenJMM pic.twitter.com/vCYai39wli— Bhanu Pratap Shahi (@ShahiPratap) June 27, 2022
इधर, अपने नाम पर खनन लीज लेने के मामले में चुनाव आयोग की अयोग्यता नोटिस का सामना कर रहे हेमंत सोरेन के लिए आज अहम दिन है। भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें मंगलवार, 28 जून को दिल्ली कार्यालय में पेश होने को कहा है। संभव है कि हेमंत सोरेन स्वयं या अपने वकील के जरिये आज चुनाव आयोग के समक्ष हाजिर होकर अपना पक्ष रखेंगे। आयोग ने आज के लिए उन्हें आखिरी मौका दिया है। इससे पहले वे कई बार चुनाव आयोग से समय मांग चुके हैं।
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हेमंत सोरेन को अयोग्यता का नोटिस ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में दिया गया है। भाजपा ने हेमंत द्वारा अपने नाम पर खान लीज लेने की शिकायत झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से की थी। इसके बाद गवर्नर ने चुनाव आयोग को बीजेपी की ओर से दिए गए तमाम दस्तावेज भेजकर संवैधानिक संस्था का मंतव्य मांगा था। तब चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर कहा था कि यह मामला लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत अयोग्यता का है। इस मामले में हेमंत सोरेन से पूछा गया था कि क्यों नहीं आपकी सदस्यता रद कर दी जाए।
अमित शाह से मिले हेमंत सोरेन
राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के मसले पर पसोपेश में पड़े झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की। शाह के साथ हेमंत की मुलाकात को राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के साथ झुकाव प्रदर्शित की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। आदिवासी केंद्रित राजनीति के कारण झामुमो के बारे में कहा जा रहा था कि द्रौपदी मुर्मू को ही समर्थन देना चाहिए। पार्टी ने इसके संकेत पहले ही दे दिए थे। बीते दिन झामुमो नेताओं की बैठक में निर्णय हुआ था कि हेमंत सोरेन अमित शाह से मुलाकात करेंगे। अमित शाह से मिलने के बाद हेमंत सोरेन ने मीडिया से कहा कि अभी मुलाकात हुई है, बाकी ब्रेक के बाद। हालांकि हेमंत सोरेन की अमित शाह से मुलाकत के कई मायने निकाले जा रहे हैं। झारखंड में तरह-तरह की अटकलों का बाजार गर्म है।
द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया तो भाजपा से बढ़ेगी दोस्ती, कांग्रेस बिदकेगी
अमित शाह और हेमंत सोरेन की मुलाकात को राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने से जोड़ा जा रहा है। सियासी गलियारे में इसे झामुमो के अगले कदम के तौर पर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर अमित शाह से मुलाकात में बात बनी तो झामुमो के कई हित सधेंगे। भाजपा के साथ जेएमएम की नजदीकियां बढ़ेंगी, जबकि सत्ता की साझीदार कांग्रेस बिदकेगी।
हेमंत सोरेन की भाजपा ने की है चौतरफा घेराबंदी
झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से झामुमो-भाजपा के रिश्तों में तल्खी आई है। ताजा हालात पर गौर करें तो भाजपा ने हेमंत सोरेन की चौतरफा घेराबंदी कर रखी है। चुनाव आयोग के साथ-साथ झारखंड हाई कोर्ट में उनके खिलाफ सीबीआइ जांच संबंधी दो-दो मामले चल रहे हैं। ऐसे में भाजपा संग बेहतर रिश्ते से हेमंत सोरेन को राजकाज चलाने में सहूलियत हो सकती है। हेमंत सोरेन की अमित शाह से मुलाकात को इसी नजरिये से देखा जा रहा है। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन करने से आदिवासी केंद्रित राजनीति करने वाली झामुमो को इसका दूरगामी फायदा मिल सकता है।
पहले भी भाजपा के साथ सरकार बना चुकी है झामुमो
झारखंड में भाजपा के साथ झामुमो अबतक दो बार सरकार बना चुकी है। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गठबंधन सरकार बनाई थी। तब झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए थे। इसके बाद झामुमो के समर्थन से मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में झारखंड में दोबारा सरकार बनी। इस सरकार में हेमंत सोरेन तब उप मुख्यमंत्री बनाए गए थे। यह सरकार 28 महीने चली। इसके बाद हेमंत सोरेन ने समर्थन वापस ले लिया।
यशवंत सिन्हा के नामांकन से झामुमो ने बनाई दूरी
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने संयुक्त विपक्ष के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के नामांकन से दूरी बनाई है। पार्टी का कोई भी नेता उनके नामांकन भरने के समय मौजूद नहीं रहा। भाजपा विरोधी राजनीति के बावजूद यशवंत सिन्हा के नामांकन में शामिल नहीं होने से कुछ हद तक यह स्पष्ट है कि झामुमो का झुकाव राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के प्रति ही है। मालूम हो कि संयुक्त विपक्ष का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए बुलाई गई ममता बनर्जी की बैठक में झामुमो ने भाग लिया था।