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Jharkhand: भाजपा ने लातेहार मुठभेड़ की जांच मानवाधिकार आयोग से कराने की मांग की

BJP News Latehar Encounter Jharkhand News भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने मृतक के परिजन को मुआवजा एवं नौकरी देने की मांग की है। मोर्चा भी परिजनों की हर संभव सहायता करेगा। मोर्चा की प्रदेश टीम ने शनिवार को घटनास्‍थल का दौरा किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 03:50 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 04:04 PM (IST)
Jharkhand: भाजपा ने लातेहार मुठभेड़ की जांच मानवाधिकार आयोग से कराने की मांग की
BJP News, Latehar Encounter, Jharkhand News मोर्चा भी परिजनों की हर संभव सहायता करेगा।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा झारखंड प्रदेश के द्वारा एक उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है। यह जांच दल लातेहार में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए युवक के परिजनों से मिला। 12 जून 2021 को लातेहार जिला के गारू प्रखंड अंतर्गत पीरी गांव के टोला गैनाखड़ में एक निर्दोष ग्रामीण की पुलिस सुरक्षा बल झारखंड जगुआर के जवानों के द्वारा फर्जी मुठभेड़ दिखाते हुए गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई।  इसकी जांच के लिए प्रदेश की टीम ने 19 जून 2021 को घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवार सहित गांव वालों से मिलकर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

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इस दल में प्रदेश के मोर्चा अध्यक्ष शिव शंकर उरांव, मोर्चा के प्रदेश प्रभारी राम कुमार पाहन, महामंत्री बिंदेश्वर उरांव, महामंत्री विजय कुमार मेलगडी, गीता बलमुचू उपाध्यक्ष, अंजलि लकड़ा, रवि मुंडा कार्यालय मंत्री शामिल थे। इस टीम के साथ विशेष रूप से भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव भी मौजूद थे। साथ में आलोक उरांव, राम कुमार मांझी भी उपस्थित थे।

घटनास्थल पर जाकर घटना की विस्तृत जानकारी लेने के बाद आज प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मोर्चा अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ने कहा कि यह घटना नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की घटना नहीं थी, बल्कि यह फर्जी मुठभेड़ थी। पुलिस सुरक्षा बल द्वारा जानबूझकर युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ग्रामीण नक्सली नहीं थे बल्कि निरीह मासूम लोग थे।

कहा कि ग्रामीण सरहुल त्योहार के एक दिन पहले परंपरागत प्रथा के अनुरूप जंगल की ओर शिकार खेलने जा रहे थे। उन भुक्तभोगी ग्रामीणों के द्वारा हाथ उठाकर चिल्लाकर स्वयं को ग्रामीण बताने के बाद भी उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई। मृतक ब्राह्मण देव सिंह खरवार को पहली व दूसरी गोली जांघ और कमर में लगी थी। उससे वह घायल होकर गिर गया था। परंतु जीवित था। इसके बाद सुरक्षाकर्मी उसे टांग कर नाला के उस पार जंगल में ले गए और कनपटी में सटाकर तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी।

मृतक की पत्नी उसकी मां और बहन के साथ-साथ गांव के कुछ लोगों ने घायल पड़े ब्राह्मण देव को देखा। जब नजदीक गए तो उन्हें भी बंदूक राइफल का डर दिखा कर भगा दिया गया। इसके बाद जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी। मृतक की मां बहन और पत्नी ने गोली चलने पर घर से बाहर आंगन में खड़े होकर चिल्ला चिल्लाकर मिन्नतें की, परंतु उनकी एक न सुनी गई। झारखंड सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस महकमा और पदाधिकारी कर्मचारियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

बल्कि घटना की लीपापोती करने का प्रयास कर रहे हैं। यह अत्यंत गंभीर बात है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा झारखंड प्रदेश की जांच दल की मांग है कि उक्त घटना की गंभीरता पूर्वक एवं कठोरता पूर्वक जांच हो तथा सुरक्षा बल के अधिकारी झारखंड जगुआर के जवानों पर न्यायिक कार्यवाही हो। उन्हें सजा मिले। पीड़ित परिवार को समुचित मुआवजा ₹2000000 तत्काल दिया जाए।


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