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असम की तर्ज पर झारखंड में बनें एनआरसी

रांची : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति ने बांग्लादेशी घुसपैठ को झारखंड की बड़ी समस्या मानते हुए इ

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 07:50 AM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 07:50 AM (IST)
असम की तर्ज पर झारखंड में बनें एनआरसी
असम की तर्ज पर झारखंड में बनें एनआरसी

रांची : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति ने बांग्लादेशी घुसपैठ को झारखंड की बड़ी समस्या मानते हुए इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाने और घुसपैठियों को बाहर भेजने की बात कही है। शनिवार को रांची में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक में पेश राजनीतिक प्रस्ताव में असम की तर्ज पर झारखंड में भी एनआरसी बनाए जाने की बात कही गई। कार्यसमिति ने स्पष्ट कहा कि घुसपैठ के कारण झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या असंतुलित हुई है। कार्यसमिति के समापन सत्र में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी इस मसले पर सरकार का स्टैंड स्पष्ट किया।

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प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की अध्यक्षता में हुई कार्यसमिति बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया, जिसका समर्थन प्रदेश महामंत्री अनंत ओझा और अनुमोदन विधायक बिरंचि नारायण ने किया। भाजपा की इस अहम बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास, झारखंड के सह प्रभारी राम विचार नेताम, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह सहित अन्य सांसद, विधायक और कार्यसमिति सदस्य उपस्थित थे। कार्यसमिति बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कार्यसमिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 के नए भारत के निर्माण के उनके संकल्प के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनका आभार और अभिनंदन किया। कहा गया कि नया भारत भूख, बेघर और बेरोजगारी से मुक्तहोगा। न उग्रवाद हो, न भ्रष्टाचार हो, न जातिवाद हो और न संप्रदायवाद हो। नए भारत का निर्माण तब पूरा होगा जब नए झारखंड का निर्माण होगा। कार्यसमिति ने अजेय भारत-अटल भाजपा का नारा भी दिया। कार्यसमिति ने केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की जमकर सराहना की और इन योजनाओं से होने वाले लाभ को भी साझा किया। भ्रष्टाचार रोकने के लिए झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी स्वागत किया गया। विपक्ष पर भी निशाना साधा गया। कहा गया, विपक्ष के पास न तो नीति है और न ही नेता।

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शहरी उग्रवाद पर जताई चिंता

कार्यसमिति ने आंतरिक सुरक्षा के सुधार के लिए राज्य सरकार के स्तर से उठाए गए कदमों का स्वागत किया और विश्वास जताया कि झारखंड जल्द ही उग्रवाद मुक्त होगा। कार्यसमिति ने शहरी क्षेत्र में पनप रहे उग्रवाद पर चिंता जताई। कहा गया कि शहरी क्षेत्र के नक्सली जो प्रधानमंत्री तक को मारने की योजना बनाते हैं, वैसे नक्सलियों के कृत्यों और उनको समर्थन देने वाले दलों एवं संगठनों की कार्यसमिति कड़े शब्दों में निदंा करती है।

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कार्यसमिति ने सरकार की इन योजनाओं को सराहा

-झारखंड में रहने वाले आवास विहीन 5.28 लाख लोगों को मिलेगा अपना आवास।

-उज्ज्वला योजना के तहत झारखंड में 24.25 लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को मिली धुएं से मुक्ति।

-2014 तक महज 8.50 लाख शहरी घरों और 30.15 लाख ग्रामीण घरों को मिला था बिजली कनेक्शन। वहीं, 2018 तक 1.50 लाख शहरी परिवारों और 45.83 लाख ग्रामीण परिवारों को मुहैया कराया गया बिजली कनेक्शन। दिसंबर तक सभी घरों में पहुंचेगी बिजली।

-स्वच्छता अभियान के तहत राज्य के 86 फीसद परिवारों के घरों में शौचालयों का निर्माण। दो अक्टूबर शेष लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

-महिलाओं के नाम 50 लाख रुपये तक की अचल संपत्ति की रजिस्ट्री मात्र एक रुपये में करने का अधिकार।

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