महत्वपूर्ण : राष्ट्रवाद भाजपा की पहचान : रामलाल
भाजपा में नेशन फस्ट, पार्टी सेकेंड और सेल्फ लास्ट है जबकि अन्य दलों में उलट स्थिति - प्र
भाजपा में नेशन फस्ट, पार्टी सेकेंड और सेल्फ लास्ट है जबकि अन्य दलों में उलट स्थिति
- प्रबुद्ध वर्ग की गोष्ठी में बोले भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री
- भाजपा ने विकास को राजनीति के केंद्र में ला दिया
- वोट देते समय सिर्फ व्यक्ति नहीं, दल भी देखें
- कांग्रेस व अन्य दल फैमिली पार्टी, भाजपा फैमिलियर पार्टी
- सरकार के चार साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा
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राज्य ब्यूरो, रांची
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने राष्ट्रवाद को भाजपा की पहचान बताया है। शनिवार को रांची में भाजपा के शिक्षा और प्रबुद्ध प्रकोष्ठ की विचार गोष्ठी में रामलाल ने कहा कि भाजपा जनसंघ काल से ही राष्ट्रवादी सोच रखती है। हमारे लिए नेशन फस्ट, पार्टी सेकेंड और सेल्फ लास्ट है जबकि अन्य दलों में स्थिति उलट है।
रामलाल ने कहा कि बुद्धिजीवी वर्ग को सुझाव दिया कि वे वोट देते समय केवल व्यक्ति को न देखें, दल को भी देखें। देखें, कौन सा दल उनकी विचारधारा पर खरा उतरता है। कहा, जो सरकार गरीबों के काम न आ सके, उस सरकार को चलने का अधिकार नहीं है। अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उदय सरकार का दायित्व है। भाजपा का नारा सबका साथ, सबका विकास है। इसके बाद भाजपा के विषय में किसी को संशय नहीं होना चाहिए। उन्होंने विरोधी दलों पर तंज भी कसा। कहा, 60 वर्ष तक उन्होंने देश को गुमराह किया, बहुत कंफ्यूजन पैदा किया। कहा, हमारा नेतृत्व साफ-सुथरा व्यक्तित्व वाला है, पार्टी का चेहरा बेदाग है। आम जनमानस में यह धारणा बन गई है कि प्रधानमंत्री देश के लिए 18-20 घंटे परिश्रम करते हैं। विदेश दौरे में भी देश के लिए कुछ ढूंढते हैं। पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो देश के लिए पूंजी है। आज सबसे ज्यादा राज्यों में भाजपा की सरकार है, सबसे ज्यादा सांसद, विधायक, सबसे ज्यादा एसटी-एससी विधायक सबसे ज्यादा निकाय और पंचातय वाली पाटी है। कार्यकर्ताओं की मेहनत से हम यहां पहुंचे हैं। हमने पार्टी को लोकतांत्रिक तरीके से विकसित किया है। कांग्रेस व अन्य दल फैमिली पार्टी बन गई हैं, जबकि भाजपा फैमिलियर पार्टी है। परिवार भाव में चलने वाली पार्टी है। उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यो की भी चर्चा की। कहा, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्रिमंडल के आकार को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। 2014 से पूर्व यह देश घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त रहा जबकि इस सरकार के चार साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। हमारी सरकार करप्शन फ्री सरकार है। अब यूरिया के लिए लाठीचार्ज नहीं होता, उज्ज्वला योजना की सफलता के बाद हरियाणा अब केरोसिन फ्री स्टेट बन गया है। पीडीएस में छत्तीसगढ़ उदाहरण पेश कर रहा है। मध्य प्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना तथा राजस्थान में भामा शाह योजना, गुजरात में पीने के पानी की योजना तथा उंगली पकड़कर पाठशाला ले जाने के मूलभूत परिवर्तन भाजपा सरकारों ने किए हैं। पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है।
रामलाल ने प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का भी जिक्र किया। कहा, वे अपने मन की नहीं देश के मन की बात करते हैं। आज देश के पूर्वोत्तर राज्य भारत सरकार से सीधा लगाव महसूस करते हैं। केंद्रीय मंत्री एक माह में पूर्वोत्तर प्रवास पर जाते हैं। यह प्रधानमंत्री के एक्ट इस्ट पालिसी की सफलता है। रामलाल ने कहा कि सुख, समृद्धि और शांति के लिए स्थिरता चाहिए। स्थिरता भाजपा ही दे सकती है। भाजपा ने विकास को राजनीति के केंद्र बिंदु पर ला दिया है।
विचार गोष्ठी को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी संबोधित किया। विषय प्रवेश एवं स्वागत भाषण प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने और संचालन प्रदेश महामंत्री सह सांसद सुनील कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सत्येंद्र मलिक ने किया। अतिथियों का स्वागत शिक्षा प्रकोष्ठ के मनोज गुप्ता ने किया।
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31.20 करोड़ जनधन खाते खुले
रामलाल ने आंकड़ों का हवाला दे सरकार द्वारा किए गए कार्यो का उल्लेख किया। कहा, देश भर में 31.20 करोड़ लोगों के जनधन खाते खोले गए हैं। 11.15 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना से लोन मिला है। 30 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गए हैं। 3.44 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन मिला है। 16,448 गांवों को बिजली से जोड़ा गया है। वर्ष 2022 तक सभी पंचायतों को आप्टीकल फाइबर केबल से जोड़ने की योजना है। पांच लाख तक के बीमा कवर की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर सकता है।
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एक राष्ट्र एक कर के बाद अब एक चुनाव की दिशा में प्रयासरत
रामलाल ने कहा कि एक राष्ट्र एक कर (जीएसटी) के बाद देश में एक साथ चुनाव की दिशा में कोशिशें तेज हुई हैं। चुनाव आयोग एवं सभी दलों का सहयोग मिलने के बाद इसे साकार किया जा सकेगा। पांच साल में चुनाव होंगे तो कोई भी सरकार अच्छे निर्णय ले सकेगी।
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