रांची, जागरण संवाददाता: बिआइटी मेसरा का 32 वां दीक्षांत समारोह दो वर्षों के बाद मनाया गया। समारोह में यूजी, पीजी और पीएचडी के 1532 छात्र छात्राओं को डिग्री दी गई, जबकि 11 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल दिए गए।। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेश बैस और इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ मुख्य अतिथि शामिल हुए।
राज्यपाल ने कहा दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए अविस्मरणीय क्षण
छात्रों को डिग्री देते हुए राज्यपाल ने कहा कि, दीक्षांत समारोह किसी भी विद्यार्थी के शैक्षणिक जीवन में एक विशेष एवं अविस्मरणीय क्षण है। कड़ी मेहनत एवं समर्पण से शिक्षा अर्जित करने के बाद ही विद्यार्थी उपाधि प्राप्त करते हैं। बीआइटी मेसरा झारखंड का अग्रणी तकनीकी संस्थान है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में इसने विशिष्ट पहचान स्थापित की है। यहां से शिक्षा ग्रहण कर हमारे विद्यार्थी अपनी प्रतिभा से देश-विदेश में सेवा प्रदान कर संस्थान का नाम रौशन कर रहे हैं। खुशी है कि यह संस्थान अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ज्ञान का प्रसार करने में कई वर्षों से महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि बीआइटी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना अभियांत्रिकी विषयों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यहां के संकाय सदस्यों ने प्रशिक्षण, वेबिनार तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन पर राज्यस्तरीय कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने कहा कि, ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इससे इस संस्थान में अनुसंधान व शोध कार्यों को और गति मिलेगी
इसरो चेयरमैन ने कहा शिक्षा का महत्व नौकरी के लिए प्रशिक्षण लेना मात्र नहीं
मुख्य अतिथि इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि, शिक्षा का महत्व उपाधि ग्रहण करने या नौकरी के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने मात्र तक सीमित नहीं होना चाहिए। इसका वास्तविक महत्व एक बेहतर, जिम्मेदार और चरित्रवान नागरिक के रूप में राष्ट्र के विकास में योगदान देना है। शिक्षण संस्थानों का कर्तव्य विद्यार्थियों में चेतना जागृत कर जीवन में बेहतर करने की भूख जगाना, उनमें आत्मनिर्भरता पैदा करना और उन्हें एक संपूर्ण व्यक्तित्व देना भी होना चाहिए। आप लोगों में जाब क्रिएटर बनने की भी असीम क्षमता हैइस संस्थान के विद्यार्थी आने वाले समय में राष्ट्र के विकास व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
कुलपति इंद्रनील ने कहा शिक्षण संस्थानों को अंवेषण के लिए हमेशा रहना चहिए प्रयासरत
बीआइटी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना ने कहा कि, प्रत्येक तकनीकी शिक्षण संस्थान को अन्वेषण और रचनात्मकता के क्षेत्र में इसी प्रकार निरंतर बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। यह संस्थान गुणात्मक शिक्षा और शोध को प्रोत्साहन देने में अग्रणी संस्थान के रूप में जाना जाएगा। हमें इनोवशन और रचनात्मकता को बढ़ावा देना होगा।
कुलपति ने कहा कि, आप सब उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थी भी अपने पूर्ववर्ती विद्यार्थियों की इसी गरिमामयी विरासत को कायम रखेंगे। हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने वाला व्यक्ति ही इस नए दौर की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा। आपका बौद्धिक निर्माण एक ऐसे संस्थान में हुआ है जिसकी समृद्ध विरासत रही है। इस प्रतिष्ठित संस्थान के विद्यार्थी विश्व में कहीं भी हों, उन्होंने अपने चुने हुए क्षेत्रों में एक विशिष्ट पहचान स्थापित बनाई है। आप अपने ज्ञान और कौशल से देश और समाज के विकास में योगदान दें, जो आपने इस शिक्षण संस्थान से हासिल किया है।