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नक्सलियों ने झारखंड के बिशुनपुर में माइंस की 27 गाड़ियों में लगायी आग, इलाके में दहशत

Bishunpur Naxalites Attack बिशुनपुर (Bishunpur) के कुजाम माईंस में बीती रात नक्सलियों (Naxalites) द्वारा वाहनों में आग लगाने के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। घटना स्थल पर पर्चा छो़ड़कर माओवादी संगठन (Maoist Organization) ने घटना की जिम्मेदारी भी ले ली है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 01:25 PM (IST)
नक्सलियों ने झारखंड के बिशुनपुर में माइंस की 27 गाड़ियों में लगायी आग, इलाके में दहशत
नक्सलियों ने बिशुनपुर में 27 गाड़ियों को जलाकर किया ख़ाक। जागरण

गुमला (बिशुनपुर), जागरण संवादाता। Bishunpur Naxalites Attack : बिशुनपुर (Bishunpur) प्रखंड के गुरदरी थाना (Gurdari Police Station) क्षेत्र अंतर्गत कुजाम स्थित एनकेसीपीएल (NKCPL) के बॉक्साइड माइंस (Bauxite Mines) में भाकपा माओवादिय (CPI Maoists) के द्वारा शुक्रवार की शाम हमला कर दिया। लगभग 1 घंटे तक तांडव मचाते हुए 27 वाहन (27 Vehicle) एवं मशीन को आग के हवाले कर दिया। जबकि मौके पर उपस्थित माइंस कर्मी (Mine Workers) के साथ मारपीट भी किया गया।

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लगभग 25 से 30 के संख्या में भाकपा माओवादी पहुंचे

घटना के संबंध में माइंस के सुपरवाइजर रामप्रवेश सिंह ने बताया कि शुक्रवार की शाम लगभग 25 से 30 के संख्या में भाकपा माओवादी के सदस्य पहुंचे। सभी काले रंग के वर्दी में थे, तथा हथियार से लैस थे। नक्सलियों ने हमारे कैंप में प्रवेश करते के साथ सभी माइंस कर्मी को बंधक बनाकर मोबाइल छीन लिया और सामने रखें लगभग 3 ड्रम डीजल को निकाल कर बाल्टी से सभी वाहनों पर डाला गया। जिसके बाद एक-एक कर सभी वाहन को आग के हवाले कर दिया गया।

सभी बॉक्साइट माइन्स बंद करने की चेतावनी

जिससे सभी वाहन जलने लगे नक्सलियों के द्वारा सभी बॉक्साइट माइन्स बंद करने की चेतावनी दी गई है। जब नक्सली जाने लगे तो माइंस कर्मियों के द्वारा आग बुझाने का प्रयास किया गया। जिससे नक्सली बौखला उठे और पुनः लौटकर सुपरवाइजर रामप्रवेश सिंह मुन्ना पाठक अमृत मिश्रा एवं ड्रिल ऑपरेटर साहेब लाल के साथ मारपीट की और आग नहीं बुझाने की चेतावनी देते हुए, सभी लोगों का मोबाइल वापस कर दिया गया। इधर घटना में दो पोकलेन 4 जेसीबी 17 हाईवा दो पिकअप एवं दो पानी टैंकर जलकर क्षतिग्रस्त हो गया है।

माइंस में उत्खनन या ढुलाई का रहेगा कार्य बंद

इस संबंध में माइंस प्रबंधक उत्तम गांगुली ने बताया कि घटना के 12 घंटे के बाद भी पुलिस घटनास्थल नहीं पहुंची है। रात में गुमला एसपी के द्वारा फोन कर घटना की जानकारी मेरे द्वारा ली गई है। उन्होंने कहा कि नक्सली फिलहाल बॉक्साइट माइन्स बंद करने का फरमान जारी किए हैं। इसलिए अभी माइंस में उत्खनन या ढुलाई का कार्य बंद रहेगा।

पर्चा छोड़ कर लिया गया घटना की जिम्मेदारी

बिशुनपुर प्रखंड के कुजाम बॉक्साइड माइन्स में शुक्रवार की शाम भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के द्वारा वाहनों पर आगजनी की घटना को अंजाम देने के बाद पोस्टर चिपका कर घटना की जिम्मेदारी ली गई।

माओवादियों ने पोस्टर में कहा है कि हिंडालको एनकेसीपीएल एवं जिओमिक्स जैसी कंपनी अवैध रूप से बॉक्साइट का उत्खनन जंगलों में कर रही है, जिससे पर्यावरण पूरी तरह से दूषित हो रहा है। साथ ही जंगल को भी काफी नुकसान हो रहा है।

पर्चा में कहा- बॉक्साइड माइन्स पूरी तरह से बंद रहेगी

उन्होंने पर्चा में कहा है कि कंपनी रैयतों को उचित मुआवजा नौकरी एवं बुनियादी सुविधा पठारी क्षेत्र में नहीं मिल रहा है। जिस कारण यह घटना को अंजाम दिया गया है। नक्सलियों ने कहा है कि जब तक कंपनी के द्वारा जंगलों में अवैध खनन करना बंद नहीं किया जाएगा और लोगों को उनका उचित हक नहीं मिलेगा, तब तक गुरदरी, अमतिपानी, कुंजाम ,सेरेंगदाग सहित सभी बॉक्साइड माइन्स पूरी तरह से बंद रहेगी। अगर बॉक्साइड माइन्स चालू करने का प्रयास किया गया तो परिणाम इससे भी ज्यादा गंभीर एवं भयानक होगी जिसका जिम्मेदार बॉक्साइट उत्पादन करने वाली कंपनी होगी।

आगजनी में हुआ लगभग दस करोड़ का नुकसान

भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के द्वारा शुक्रवार की शाम कुजाम 2 बॉक्साइट माइंस में आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। जिसमें दो पोकलेन 4 जेसीबी 17 हाईवा 2 पिकअप एवं 2 वाटर टैंकर शामिल है।

इस संबंध में कुजाम के महेश प्रबंधक उत्तम गांगुली ने बताया कि इस आगजनी की घटना में लगभग 10 से 11 करोड़ का नुकसान हो चुका है। फिलहाल नक्सलियों के द्वारा सभी बॉक्साइड माइन्स को बंद करने का फरमान जारी किया गया है। इसलिए अभी माइंस में उत्खनन और ढुलाई का काम पूरी तरह से बंद रहेगा।

नक्सलियों ने 1 घंटे तक माइंस कर्मी को बनाया बंधक, की मारपीट

भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के द्वारा शुक्रवार की शाम बॉक्साइड माइंस में आगजनी की घटना को अंजाम देने से पूर्व मौके पर मौजूद लगभग 40 कर्मी को बंदूक के बल पर बंधक बना लिया। वही सभी लोगों का मोबाइल लूटकर अपने पास रखा गया था। जब नक्सली घटना को अंजाम देकर जाने लगे तो माइंस कर्मी के द्वारा आग बुझाने का प्रयास किया गया। जिससे बौखलाए नक्सलियों ने सुपरवाइजर रामप्रवेश सिंह, मुन्ना पाठक, अमृत मिश्रा एवं ड्रिल ऑपरेटर साहेब लाल, गहनु सहित अन्य लोगों के साथ मारपीट की और आग नहीं बुझाने की चेतावनी दी । उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति आग बुझाने का प्रयास करेगा उसे गोली मार कर हत्या कर दी जाएगी। जिससे डरे माइंस कर्मी दोबारा आग बुझाने का प्रयास नहीं किए।

नक्सलियों ने 13 वर्ष बाद कुजाम माइंस में घटना को दिया अंजाम

भाकपा माओवादी 13 वर्ष बाद कुजाम के बॉक्साइड माइन्स में आगजनी घटना को अंजाम दिए हैं जिससे क्षेत्र के लोग काफी भयभीत हो गए हैं इससे पूर्व भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के द्वारा कुजाम स्थित कांटा घर के समीप 17 अगस्त 2009 को आगजनी घटना को अंजाम देकर माइंस बंद करा दिया गया था। इस दौरान 12 गाड़ी दो मशीन एक जेसीबी एवं एक कैंपर मशीन में आग लगाई गई थी। जिससे बॉक्साइड खनन में लगे कंपनी को काफी नुकसान हुआ था और पुनः इस बार उससे भी बड़ी आगजनी घटना को अंजाम दिया गया है।

नक्सलियों के लिए कुबेर का खजाना है बॉक्साइट माइन्स

गुमला एवं लोहरदगा जिला प्रचुर मात्रा में बॉक्साइट पाया जाता है। यहां हिंडालको जिओ मैक्स एवं एनकेसीपीएल जैसे कंपनी बॉक्साइड निकालने का काम कर रही है। जो नक्सलियों के लिए कुबेर का खजाना साबित होता है। बॉक्साइट माइन्स के कारण गुमला एवं लोहरदगा जिला में नक्सली संगठन सक्रिय रहते हैं। हमेशा एक दूसरे के साथ वर्चस्व की लड़ाई में खूनी संघर्ष भी होता है। इन क्षेत्रों में खासकर भाकपा माओवादी जेजे एमपी पीएलएफआई एवं झारखंड जन संघर्ष मुक्ति मोर्चा जैसे संगठन सक्रिय हैं। जिन्हें बॉक्साइट माइन्स से अच्छी खासी लेवी मिल जाती है।

नक्सलियों को क्षमता के हिसाब से टन में लेवी होता है तय

बताया जाता है कि नक्सलियों को क्षमता के हिसाब से टन में उनका लेवी तय होता है। बड़ी संगठन को अधिक एवं छोटे संगठन को उसी के हिसाब से लेवी की राशि तय की जाती है। कुछ संगठन को महीना लेवी जाता है। परंतु जैसे ही बॉक्साइड खनन कार्य में लगी कंपनी किसी भी संगठन को लेवी देने में आनाकानी या कमी करती है, तो उस संगठन के द्वारा अक्सर माइंस में आगजनी जैसी घटना को अंजाम दिया जाता है।

संभवत, लेवी देने में आनाकानी कर रही थी

संभवत, अनुमान लगाया जा रहा है कि माओवादियों के गिरते वर्चस्व के कारण कंपनी उन्हें लेवी देने में आनाकानी कर रही थी। इसी वजह से इतनी बड़ी आगजनी घटना को अंजाम दिया गया है। इससे माओवादी का वर्चस्व क्षेत्र में पुनः स्थापित हो गया वही अच्छी खासी लेवी भी मिलना प्रारंभ हो जाएगी।

12 घंटे बाद भी घटनास्थल नहीं पहुंची पुलिस

माउवादियों के द्वारा कुजाम में आगजनी घटना को अंजाम देने के बाद आसानी से वे लोग जंगल के रास्ते निकल गए। जबकि पुलिस 12 घंटे बीत जाने के बाद भी घटनास्थल नहीं पहुंची थी। इस संबंध में कुजाम माइंस के प्रबंधक उत्तम गांगुली ने बताया कि रात में गुमला एसपी के द्वारा गुरदरी माइंस में फोन किया गया। तो वहां के प्रबंधक के द्वारा मेरा नंबर एसपी साहब को दिया गया। जिसके बाद एसपी साहब रात में ही मुझे फोन कर मुझसे घटना के बारे में पूछ रहे थे। परंतु अब तक 12 घंटा बीत गया है लेकिन पुलिस नहीं पहुंची है।

घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल

13 वर्षों के बाद भाकपा माओवादी का बॉक्साइड इलाका में धमाकेदार उपस्थिति होने के बाद क्षेत्र में काफी दहशत का माहौल है। कोई भी व्यक्ति अपना नाम या तस्वीर पत्रकारों को देने के लिए तैयार नहीं है।

लोगों का कहना है कि अगर मेरा नाम या फोटो छपता है, तो कल माओवादी का हेड लिस्ट में मेरा नाम होगा। कहीं नक्सली पुनः गांव में जन अदालत लगाकर हत्या ना कर दे। इससे पूर्व नक्सलियों के द्वारा कई बार इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया गया है, जिस कारण लोग काफी डरे सहमे से हैं।

एक बीड़ी पत्ता से लदे ट्रक को भी कर दिया गया था आग के हवाले

बिशुनपुर प्रखंड में सक्रिय भाकपा माओवादी पिछले 3 वर्षों से शिथिल पड़े हुए थे। उनके 3 वर्ष पूर्व 14 जून 2019 को बिशुनपुर थाना क्षेत्र के कटिया गांव में बनालत निवासी बृजेश साहू का बाजार से अपहरण कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वही मौके पर एक बीड़ी पत्ता से लदे ट्रक को भी आग के हवाले कर दिया गया था। जिसके बाद नक्सलियों के द्वारा जानबूझकर कोई घटना को अंजाम नहीं दिया गया था।

3 वर्षों के के बाद माओवादियों ने की धमाकेदार उपस्थिति दर्ज

3 वर्ष के बाद कुजाम बॉक्साइट माइन्स में 1 घंटे तक तांडव मचाते हुए 27 वाहन एवं मशीनों को आग के हवाले कर दिया गया। जिससे लगभग 10 करोड़ रुपए का नुकसान कंपनी को हुआ है। हालांकि, नक्सलियों के द्वारा अपनी सुरक्षा के लिए जंगलों में आईडी लगाया था, जिसमें कुछ लोगों की मौत हुई है।


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