पटना के साथ छोटानागपुर डायसिस की भी कमान संभालेंगे बिशप पीपी मरांडी Ranchi News
तमाम कोशिशों के बाद भी आटोनोमस डायसिस के बिशप बीबी बास्के से मुलाकात नहीं हो सकी। बिना विवाद सुलझाए बिशप रांची से विदा हो गए। पुरोहितों से संयम बनाने की अपील की। आटोनोमस डायसिस पूरी स्थिति पर कुछ भी बोलने से बच रहा है।
रांची, जासं। सीएनआइ (चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया) और आटोनामस छोटानागपुर डायसिस के बीच उत्पन्न गतिरोध को दूर करने तीन दिनी प्रवास पर रांची आए पटना डायसिस के बिशप पीपी मरांडी शनिवार को खाली हाथ लौट गए। सीएनआइ और डायसिस का विवाद अब भी यथावत बना हुआ है। तीन दिनों तक प्रयास के बावजूद आटोनोमस डायसिस के बिशप बीबी बास्के ने बिशप पीपी मरांडी से मुलाकात नहीं की, जबकि बिशप पीपी मरांडी ने खुद मिलने के लिए समय मांगा था। इस पर डायसिस कार्यालय से कोई जवाब नहीं मिला।
प्रवास के क्रम में बिशप पीपी मरांडी ने हालात पर पुरोहितों से विस्तृत चर्चा कर पूरी रिपोर्ट सीएनआइ सिनोड को सौंप दी है। सीएनआइ ने गतिरोध सामान्य होने तक बिशप पीपी मरांडी को पटना के साथ-साथ छोटानागपुर डायसिस के बिशप की भी जिम्मेदारी सौंप दी है। सीएनआइ द्वारा घोषित तदर्थ कमेटी अब बिशप पीपी मरांडी के निर्देशन में कार्य करेगी। वहीं, आटोनोमस डायसिस पूरी स्थिति पर कुछ भी बोलने से बच रहा है।
डायसिस एक, संचालन के लिए दो कमेटी, विवाद बढऩे की आशंका
17 जुलाई को छोटानागपुर डायसिस ने सीएनआइ से 50 वर्षों के रिश्ते को तोड़कर खुद को आटोनामस घोषित कर लिया था। इसके बाद सीएनआइ के प्रति हमदर्दी रखने वाले तमाम अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, जिनमें तत्कालीन सचिव रेव्ह जोलजस कुजूर, प्रो. जयंत अग्रवाल आदि शामिल हैं।
वहीं, सीएनआइ ने भी एक तदर्थ कमेटी की घोषणा की। रेव्ह जोलजस कुजूर को माडरेटर कमिश्नरी नियुक्त किया गया और उनके सहयोग के लिए करीब एक दर्जन लोगों को कमेटी में रखा गया। अब यह कमेटी सीधे बिशप पीपी मरांडी की देखरेख में काम करेगी।