नगर निगम की जांच में फर्जी निकला जन्म प्रमाणपत्र
रांची रांची नगर निगम के नाम पर शहर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खेल चल रहा है। हाल में ही रांची नगर निगम की जांच में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र सामने आया है।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची नगर निगम के नाम पर शहर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खेल चल रहा है। सहायक लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पदाधिकारी (रजिस्ट्रार) का फर्जी हस्ताक्षर कर जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। 13 जनवरी को रांची नगर निगम के संज्ञान में यह मामला सामने आया। जन्म प्रमाण पत्र पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करने पर संबंधित प्रमाण पत्र फर्जी निकला। जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित आंकड़ा भी रांची नगर निगम के कंप्यूटर में दर्ज नहीं था।
नकली जन्म प्रमाण पत्र पर सहायक लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किरण कुमारी का हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से किया गया था। डॉ. किरण कुमारी ने बताया कि 13 जनवरी को डोरंडा क्षेत्र के मो. शमीम नामक एक व्यक्ति ने जन्म प्रमाण पत्र की जांच के लिए आवेदन दिया था। जांच में यह फर्जी निकला।
सोमवार को मेयर आशा लकड़ा ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सहायक लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पदाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। साथ ही जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर दलाली करने वालों की धर-पकड़ कर कड़ी कर्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
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मेयर ही बोल रहीं अभी जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा, नहीं है सुरक्षित
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में मेयर ने सोमवार को नगर आयुक्त के साथ बैठक की। बैठक में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में सुधार लाने पर विशेष चर्चा हुई। मेयर ने कहा कि वर्तमान में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है वह पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है। इसलिए रांची नगर निगम के लिए एक अलग सॉफ्टवेयर विकसित करने की आवश्कता है। ताकि आम लोग घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकें और एसडीओ/डीएसओ के अनुमोदन की प्रक्रिया भी ऑनलाइन हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान सिस्टम में आवश्यकतानुसार रिपोर्ट प्रदर्शित नहीं होने के कारण एक ही व्यक्ति का एक से अधिक प्रमाण पत्र जारी होने की संभावना है।
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पूरी व्यवस्था बनानी होगी पारदर्शी
मेयर ने कहा कि प्रमाण पत्र पर सिक्युरिटी फीचर भी अनिवार्य होगा। इसे नई सिस्टम में जोड़ा जा सकेगा। नई सिस्टम का लिंक स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़ा होगा, जिससे किसी प्रकार की गड़बड़ी का तुरंत पता लगाना आसान होगा। प्रमाण पत्र जारी करने के प्रोसेस में भी पारदर्शिता आएगी। इस अवसर पर नगर आयुक्त मनोज कुमार, सहायक लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किरण कुमारी, उप निबंधक विश्वंभर भगत, आइटी सेल प्रोग्रामर राजेश कुमार उपस्थित थे।
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साइबर थाना करेगी तहकीकात : डॉ. किरण
सहायक लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. किरण कुमारी ने बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। साइबर थाना से इस मामले की तहकीकात कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल फर्जी जन्म प्रमाण का पहला मामला सामने आया है। संबंधित आवेदक से भी इस मामले में पूछताछ की जाएगी कि उसने डोरंडा क्षेत्र में कहां व किससे जन्म प्रमाण पत्र हासिल किया।
कहा कि इस मामले में नगर विकास विभाग को पत्र लिख अलग सॉफ्टवेयर विकसित कराने की मांग की जाएगी। नई व्यवस्था में सिक्युरिटी प्वाइंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आवेदकों के लिए ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की संख्या कितनी है, फिलहाल यह बता पाना मुश्किल है।
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अधर में रही योजना
-जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को ओटीपी से जोड़ने की हुई थी तैयारी
-पूर्व नगर आयुक्त डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि ने अपने कार्यकाल में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अलग सॉफ्टवेयर विकसित कराने की प्लानिंग की थी।
-नए सॉफ्टवेयर को आधार कार्ड व आवेदक के मोबाइल नंबर से जोड़ने की तैयारी की गई थी ताकि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा न हो सके।
-सॉफ्टवेयर में यह व्यवस्था की जानी थी कि आवेदक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से आवेदन करे
-प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार के डिजिटल हस्ताक्षर के साथ डाउनलोड करने की सुविधा हो।
-डाउनलोड के ऑप्शन पर क्लिक करते ही आवेदक के मोबाइल नंबर पर ओटीपी मैसेज भेजने की सुविधा हो, ताकि कोई दूसरा व्यक्ति संबंधित प्रमाण पत्र डाउनलोड न कर सके।
-हालांकि पूर्व नगर आयुक्त के स्थानांतरण के बाद यह प्लान फाइलों में ही सिमट कर रह गया। ऐसे समझें मामला
13 जनवरी 2020 को मो. शमीम ने जन्म प्रमाण पत्र की जांच के लिए दिया था आवेदन
जन्म प्रमाणपत्र पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करने पर पकड़ में आया मामला
जन्म प्रमाण पत्र पर रजिस्ट्रार डॉ. किरण कुमारी का हस्ताक्षर भी फर्जी निकला मेयर ने की अपील
दलालों से संपर्क कर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र न बनवाएं।
आवेदक स्वयं आवेदन दें।
किसी प्रकार की समस्या आने पर नगर निगम के संबंधित अधिकारी से संपर्क करें।