गांवों में 10 सप्ताह गुजार कर जाना खेती-किसानी का हाल
रांची बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि स्नातकों के छात्रों को विश्वविद्यालय की तरफ
जागरण संवाददाता, रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि स्नातकों के छात्रों को विश्वविद्यालय की तरफ से छह महीने का ग्रामीण कृषि एवं एग्रो इंडस्ट्री कार्यानुभव कराया जाता है। इसके तहत इस साल पास होने वाले ग्रुप के 44 छात्रों का प्रशिक्षण समाप्त हो गया। इस प्रोग्राम के तहत छात्रों को राची, पूर्वी सिंहभूम एवं पलामू जिले के चयनित गांवों में 10 सप्ताह तक भ्रमण कराया गया। छात्रों ने पहले चरण में कृषि पारिस्थिकी तंत्र विश्लेषण तथा सर्वेक्षण के माध्यम से गांवों में आजीविका के माध्यम एवं किसानों की समस्याओं का अध्ययन किया। वहीं दूसरे चरण में छात्रों ने राज्य में एग्रो इंडस्ट्रीज से जुड़े संस्थान महिंद्रा समृद्धि, इफको, मेधा डेयरी, प्रभा डेयरी तथा झारखंड कृषि यंत्र एवं प्रशिक्षण केंद्र में कृषि आधारित उद्योग की संरचना, नवीन कृषि तकनीकी का उपयोग एवं विपणन की रणनीति को जाना।
छात्रों के कार्यानुभव के आधार पर तीन दिवसीय मूल्यांकन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर मूल्याकन समिति अध्यक्ष डॉ एमएस यादव ने कहा कि आइसीएआर मार्गदर्शिका के अनुसार कृषि स्नातक छात्रों के लिए ग्रामीण कृषि एवं एग्रो इंडस्ट्री कार्यानुभव कार्यक्रम को अनिवार्य कर दिया गया है। इस कार्यानुभव कार्यक्त्रम से छात्रों को बेहतर एवं सटीक कृषि स्नातक के विकास को बल मिला है। उनके कार्यानुभव में शिक्षकों के मार्गदर्शन में गुणात्मक सुधार के लिए का प्रयास किया जा रहा। इससे राज्य को बेहतर कृषि तकनीकी बल मुहैया करने को बल मिलेगा। मूल्याकन समिति में शिक्षकों में प्रो. डीके रूशिया, डॉ बीके झा, डॉ एचसी लाल, डॉ रविन्द्र प्रसाद, डॉ प्रमोद रॉय, डॉ कृष्णा प्रसाद, डॉ पूनम होरो, डॉ अरविन्द कुमार सिंह एवं डॉ आशा कुमारी सिन्हा शामिल थे।