Biometric Attendance: बायोमिट्रिक अटेंडेंस पर माहौल गरम, शिक्षकों ने पूछा- सिर्फ उनपर ही लागू क्यों?
Biometric Attendance शिक्षकों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि बायोमिट्रिक उपस्थिति सिर्फ उनपर लागू क्यों की गई है। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए शिक्षकों ने खुलकर Biometric Attendance की मुखालफत की।
रांची, राज्य ब्यूरो। Biometric Attendance झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ की रविवार को रांची में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में शिक्षकों के लिए बायोमिट्रिक उपस्थिति अनिवार्य किए जाने का मामला उठा। शिक्षकों ने कहा कि जब कोरोना के कारण बायोमिट्रिक उपस्थिति अन्य विभागों व कार्यालयों में लागू नहीं है तो शिक्षकों को इसके लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है।
बैठक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से यह मांग करने का निर्णय लिया गया कि कार्मिक विभाग के नियमानुसार यदि बायोमिट्रिक उपस्थिति लागू हो रही है तो यह सभी विभागों और कर्मियों के लिए लागू हो न कि केवल शिक्षकों के लिए। प्रदेश अध्यक्ष आनंद किशोर साहू की अध्यक्षता एवं प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह के संचालन में हुई बैठक में शिक्षकों अंतर जिला स्थानांतरण को लेकर तबादला नीति के संशोधित ड्राफ्ट को जारी करने का आग्रह विभाग से करने का निर्णय लिया गया।
प्रोन्नति मुद्दे पर संघ की ओर से दायर होनेवाली रीट याचिका पर अद्यतन स्थिति की जानकारी देने, सेवा संपुष्टि के मुद्दे पर विभाग को स्मार करते हुए इसे सभी जिलों में समयबद्ध तरीके से पूरा कराने, पुरानी पेंशन बहाल करने, उपसमाहर्ता सीमित परीक्षा में शिक्षकों को आरक्षण देने की मांग विभाग से करने का निर्णय लिया गया। बैठक में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के सरकारी शिक्षक विरोधी बयान की निंदा भी की गई। बैठक में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में क्रमशः सुमीत कुमार नंद और अशोक कुमार साहू के नाम पर स्वीकृति प्रदान की गई।