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रांची रेल मंडल ने अपने 98 फीसद बोगियों में लगाया गया बायो टॉयलेट

रांची जल संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में रेलवे ने एक और कदम बढ़ाया है। इसने अपनी 98 फीसद बोगियों में बायो टॉयलेट लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 01:48 AM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 01:48 AM (IST)
रांची रेल मंडल ने अपने 98 फीसद बोगियों में लगाया गया बायो टॉयलेट
रांची रेल मंडल ने अपने 98 फीसद बोगियों में लगाया गया बायो टॉयलेट

शक्ति सिंह, रांची : जल संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में रेलवे ने एक और कदम बढ़ाया है। इसे बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने ट्रेनों में बायो टॉयलेट की सुविधा को तेजी से जोड़ा है। यही कारण है कि रांची रेल मंडल अंतर्गत 98 फीसद बोगियों में इसकी सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। यानि सिर्फ छह वर्षो में 742 बोगियों में बायो टॉयलेट का सेटअप लगा दिया गया है। ट्रेनों के शौचालय के उपयोग से प्रत्येक दिन हजारों मीट्रिक टन अपशिष्ट रेलवे ट्रैक पर गिरता था। इससे वातावरण तो दूषित होता ही था, संक्रमण का खतरा भी बना रहता था। वहीं ट्रैक की लाइफ व जंग लगने की शिकायत मिलती थी। वर्ष 2013 में रांची रेलमंडल की ट्रेनों में बायो टॉयलेट की व्यवस्था की गई। फ्लश करने के लिए आठ की जगह दो लीटर पानी की जरूरत :

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बायो टॉयलेट की खासियत यह है कि इसमें मात्र दो लीटर पानी फ्लश के लिए जरूरत पड़ती है। अब तक पुरानी व्यवस्था के तहत आठ लीटर पानी बर्बाद होता था। पर अब ऐसा नहीं है। बायो टॉयलेट में कम पानी की आवश्यकता पड़ती है। जनवरी 2011 में देश में पहली बार बुंदेलखंड एक्सप्रेस में बायो टॉयलेट व्यवस्था की शुरुआत की गई थी। इसके बाद स्वच्छ भारत स्वच्छ रेल योजना के तहत युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ। वर्ष 2017-18 के दौरान ही भारतीय रेल ने रेल डिब्बों में सबसे अधिक बायो टॉयलेट लगवाए। वहीं 2018-19 तक लक्ष्य के अनुरूप इस दिशा में 80 प्रतिशत से अधिक काम हुए हैं। सिर्फ 14 कोच में बायो टॉयलेट लगाना बाकि है। रांची रेल मंडल में ही लगाए जा रहे हैं बायो टॉयलेट :

रांची रेल मंडल स्थित हटिया के कोचिंग डिपो में इसका निर्माण किया जा रहा है। तीन से चार दिनों में एक बायो टॉयलेट को लगाया जाता है। इसकी क्षमता 700 लीटर की होती है, जिसमें छह चैंबर होते हैं। प्रत्येक चेंबर में पानी और अपशिष्ट का ट्रीटमेंट बारी-बारी से चेंबरों में होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 70 फीसदी अपशिष्ट को जमीन पर गिरने से रोक लिया जाता है। इस कारण अब स्टेशनों पर बदबू और गंदगी नहीं देखने को मिलती है।

रोजाना होती है बायोटॉयलेट की जांच :

राची रेल मंडल के पास इन बायो टॉयलेट्स के मेंटेनेंस के लिए एक टीम के साथ-साथ अपना लैब भी है। बायो टॉयलेट ट्रेनों में ठीक ढंग से काम कर रहा है या नहीं। इसके लिए रोजना अपशिष्ट को लैब में जांच के लिए भेजा जाता है, जिसमें बैक्टेरिया की मौजूदगी को देखा जाता है। एक बोगी में बायो टॉयलेट को लगाने में चार लाख रुपये खर्च आते हैं। हटिया-सांकी-हटिया पैसेंजर के लिए मुख्यालय के आदेश का इंतजार

हटिया-सांकी हटिया पैसेंजर ट्रेन के शुरू होने को लेकर रांची रेल मंडल के अधिकारी दक्षिण पूर्व रेलवे (मुख्यालय) के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। संभवत: रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। रेलवे अधिकारियों ने इस मामले में मुख्यालय को पत्र भी लिखा है। हालांकि ट्रेन के शुभारंभ को लेकर धनबाद रेल मंडल ने 29 अगस्त की तिथि भी घोषित कर दी है। फिर भी रांची रेल मंडल ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। मुख्यालय से तिथि की घोषणा के बाद ही हटिया-सांकी-हटिया पैसेंजर ट्रेन के शुभारंभ की घोषणा होगी। हटिया से सांकी के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन रांची, टाटीसिलवे, मेसरा, हुंडरू, झांझी टोली होते हुए संकी पहुंचेगी। रांची रेल मंडल की ओर से जारी किए गए समय सारणी के अनुसार ट्रेन संख्या-58663 सुबह 05:40 बजे हटिया से रवाना होगी और 06:00 बजे रांची व 07:30 बजे संकी पहुंचेगी। इसी प्रकार ट्रेन संख्या-58665 शाम 05:10 बजे हटिया से खुलेगी और 05:31 बजे रांची व 06:55 बजे संकी पहुंचेगी। फिर ट्रेन संख्या-58664 सुबह 07:45 बजे संकी से खुलेगी और 09:20 बजे रांची व 10:15 बजे हटिया पहुंचेगी। ट्रेन संख्या-58666 शाम 09:05 बजे संकी से खुलेगी और 10:35 बजे रांची व 10:50 बजे हटिया पहुंचेगी। पटरी से उतरी मालगाड़ी, 14 एक्सप्रेस ट्रेनों के मार्ग बदले

पूर्व मध्य रेलवे के काशीटांड-जामताड़ा मार्ग पर मालगाड़ी के पटरी के उतरने के कारण पटना-कोलकाता एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या-13132) को शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया गया है। अर्थात यह ट्रेन मोकामा तक ही जाएगी। इसी प्रकार इस घटना के बाद 14 अन्य ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित कर दिए गए हैं। ट्रेन संख्या-13106 बलिया-कोलकाता-सियालदह एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या-18621 पटना-हटिया पाटलीपुत्र एक्सप्रेस किउल -गया-प्रधानखूंटा (धनबाद) होकर अपने गंतव्य की ओर जाएगी। इसी प्रकार ट्रेन संख्या-12370 हरिद्वार-हावड़ा कुंभ एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या-13288 राजेंद्र नगर पटना-दुर्ग-साउथ बिहार एक्सप्रेस व ट्रेन संख्या-22214 पटना-कोलकाता-शालीमार दुरंतो एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग पटना-गया-प्रधानखूंटा होकर अपने गंतव्य तक जाएगी।

15028 गोरखपुर-हटिया मौर्य एक्सप्रेस किउल-गया-प्रधानखूंटा होकर जाएगी। 12352 राजेंद्रनगर-हावड़ा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग पटना-गया-प्रधानखूंटा होकर जाएगी। 12334 इलाहाबाद सिटी-हावड़ा-मुगलसराय एक्सप्रेस गया-प्रधानखूंटा होकर जाएगी। 15050 गोरखपुर-कोलकाता पूर्वाचल एक्सप्रेस, 18182 छपरा-टाटानगर एक्सप्रेस, 13020 काठगोदाम-हावड़ा बाग एक्सप्रेस, 13186 जयनगर-कोलकाता-सियालदाह-गंगासागर एक्सप्रेस बरौनी जंक्शन-मुंगेर-जमालपुर होकर गंतव्य की ओर जाएगी। 18603 रांची-भागलपुर एक्सप्रेस मानपुर-मुंगेर-जमालपुर होकर व 15027 हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस मानपुर-गया-किउल होकर गंतव्य की ओर जाएगी। 19 रेलकर्मी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित

कोलकाता स्थित दक्षिण पूर्व रेलवे ने रांची रेलवे स्टेशन पर कार्यरत उपेंद्र मर्दाना समेत रेलवे के 19 कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सम्मानित किया है। रेलवे अधिकारी ने बताया कि सम्मानित होने वाले रेलवे कर्मचारी मुख्यालय की ओर से दिए गए सम्मान को पाकर काफी उत्साहित हैं।


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