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विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों की प्रजातियों को संरक्षित कर रहा बायो डायवर्सिटी पार्क

तुपुदाना के लालखटंगा में 542 एकड़ में फैले जैव विविधता पार्क रांची की आबोहवा में औषधीय पौधों की गंध घोल रही है। यह पांच किलोमीटर लंबा नेचुरल पार्क है। यहां बांस की 24 प्रजातियां आपकों आकर्षिक करेगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 05:45 AM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 06:40 AM (IST)
विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों की प्रजातियों को संरक्षित कर रहा बायो डायवर्सिटी पार्क
विलुप्त हो रहे औषधीय पौधों की प्रजातियों को संरक्षित कर रहा बायो डायवर्सिटी पार्क

जागरण संवाददाता रांची: तुपुदाना के लालखटंगा में 542 एकड़ में फैले जैव विविधता पार्क रांची की आबोहवा में औषधीय पौधों की गंध घोल रहा है। देशी-विदेशी पौधों से भरा यह पार्क रांची के लोगों के लिए टूरिस्ट स्पॉट भी बन गया है। शाम होते ही सोलर लाइट की रोशनी में पार्क की हरियाली देखते बनती है। पांच किलोमीटर लंबे नेचुरल ट्रेल में पगडंडियों और कच्चे रास्तों के सहारे पूरे पार्क के सौंदर्य को देखा जा सकता है। यहां कैक्टस की कई प्रजातियां आपको आकर्षित करेगी। वनस्पति वैज्ञानिक भी यहां शोध करने पहुंचते हैं

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तुपुदाना से करीब सात किलोमीटर दूर रिग रोड के पास बने इस पार्क में कई पौधे ऐसे हैं जो विलुप्त होने के कगार पर है। वनस्पति वैज्ञानिक यहां शोध करने पहुंचते हैं और पौधों की बारीकियों से रू-ब-रू होते हैं। इसके अलावा यहां बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क, वाटरफॉल, टर्टल पार्क, पाम जोन, ग्रास जोन, एग्जॉटिक जोन, कैक्टस जोन, कैक्टस पार्क भी है जो रियल सफारी की अनुभूति कराता है। 105 प्रजातियों व 38 अलग-अलग वनस्पतियां मौजूद

पॉर्क में 105 प्रजातियों व 38 परिवारों के अलग- अलग वनस्पतियां मौजूद हैं। यहा संरक्षित वनस्पतियों को एथनोबॉटनी से भी जोड़ा गया है, ताकि जंगलों में वनस्पति आधारित चिकित्सा करनेवाले होड़ोपैथ विशेषज्ञों को भी लाभ मिल सकें। वहीं वनस्पतियों के स्थानीय नाम, वैज्ञानिक नाम, उनके परिवार का परिचय, जहां उनकी उत्पति हुई है उस स्थान का नाम भी दिया गया है, ताकि आम लोग भी समझ सकें। पार्क में दुर्लभ वनस्पतियों की अलग-अलग नर्सरी भी है। देसी-विदेशी बास की 24 प्रजातिया है मौजूद

पॉर्क में देश-विदेश के बांसों की 24 प्रजातिया मौजूद हैं। यहां दुनिया भर के बास की 120 प्रजातियों की जानकारी मिलती है। इसमें सजावट से लेकर पारंपरिक बास की नस्लें तक शामिल हैं। घास की कई नस्लें भी उद्यान में हैं। यहां से सनसेट का भी ले सकते हैं आनंद

पार्क के पहाड़ी पर खड़ा होकर सूर्यास्त के मनोरम दृश्य देख सकते हैं। यह पूरा इलाका प्लास्टिक फ्री जोन है। उद्यान के कैक्टस जोन में 110 प्रकार के कैक्टस और 20 प्रकार की घास की प्रजातियां संरक्षित है। गुलाब उद्यान में देश विदेश के 50 प्रकार के गुलाब लगाए गए हैं। यहा 50 प्रकार के विभिन्न प्रजातियों के कमल उपलब्ध है। पार्क में मौजूद चाइनिज गार्डन आकर्षण का केंद्र है। पाक के प्राकृतिक जंगल में चाइनिज गार्डन का निर्माण किया गया है। जिसमें चीन के पौधे, फूल लगाए गए हैं।


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