Bihar Assembly Elections: गठबंधन पर राजद व झामुमो में नहीं बनी बात, झामुमो प्रवक्ता बोले- राजद ने राजनीतिक मक्कारी की
Bihar Assembly Elections झामुमो ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजद ने राजनीतिक मक्कारी की है। झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी की ओर से बयान देते हुए कहा कि हमें किसी से खैरात की जरूरत नहीं है।
रांची, राज्य ब्यूरो। बिहार विधानसभा चुनाव में लालू यादव की पार्टी राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच गठबंधन पर सहमति नही बनी। इसके बाद झामुमो ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजद ने राजनीतिक मक्कारी की है। झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी की ओर से बयान देते हुए कहा कि हमें किसी से खैरात की जरूरत नहीं है। झामुमो ने बिहार में 12 सीटों पर दावेदारी की थी। लेकिन राजद ने सीटें देने से इन्कार कर दिया। झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि राजद राजनीतिक शिष्टाचार भूल गया है।
कहा कि पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में झारखंड में राजद को राजनीतिक हैसियत से ज्यादा टिकट दी। सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो बिहार में झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और नाथनगर विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार देगा। झामुमो ने कहा कि अब बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं। अब झामुमो के कड़े रूख का असर झारखंड में पड़ सकता है। अलग-थलग राजद पड़ सकता है।
इससे पहले कहा जा रहा था कि राजद अपने कोटे से झामुमो को सीटें देगा। कुछ दिनों पूर्व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के केली बंगले में रह रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से इसे लेकर मुलाकात की थी। झामुमो ने कुछ क्षेत्रो में जनाधार का हवाला देते हुए शुरुआत में 12 सीटों पर दावेदारी की थी, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आलाकमान इतनी सीटें देने को तैयार नहीं नजर आया।
गठबंधन पर झामुमो की नजर बिहार विधानसभा की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर है। इसके अलावा वह सामान्य सीटें भी पसंदीदा हैं, जो झारखंड की सीमा से सटी हैं। इनमें तारापुर, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई शामिल है।
बता दें कि हेमंत सोरेन ने सीटों के बंटवारे को लेकर लालू के पुत्र तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। झारखंड की महागठबंधन सरकार में एक सीट पर जीत हासिल करने के बावजूद राजद के विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। झामुमो को उम्मीद थी कि कम से कम इसी आधार पर राजद उसे बिहार चुनाव में सीटें देगा। लेकिन अब ऐसा नहीं होने पर झारखंड में भी गठबंधन पर खतरा बन गया है।