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Bihar Election News: वोटरों को रिझाने के लिए शराब की मांग बढ़ी, नदी व जंगल के रास्‍ते हो रही तस्‍करी; पढ़ें यह खास रिपोर्ट

Bihar Assembly Election बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान सख्ती के बावजूद झारखंड के रास्ते अवैध शराब की खेप पहुंच रही है। घने जंगलों से लेकर नदी के रास्ते शराब की तस्करी हो रही है। नक्सली भी संरक्षण दे रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 04:54 PM (IST)
Bihar Election News: वोटरों को रिझाने के लिए शराब की मांग बढ़ी, नदी व जंगल के रास्‍ते हो रही तस्‍करी; पढ़ें यह खास रिपोर्ट
वाट्सअप व फोन पर शराब की डिमांड आ रही है।

रांची, जेएनएन। बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही झारखंड के शराब तस्कर सक्रिय भी हो गए हैं। बिहार में शराब बंद होने की वजह से झारखंड के सीमावर्ती इलाकों के रास्ते अवैध तरीके से शराब भेजने में तस्कर जुट गए हैं। तस्करी के लिए अलग-अलग रूट भी तलाश लिए गए हैं। खास बात यह है कि घने जंगल के रास्तों से लेकर सोन नदी की धार पर नाव के सहारे भी शराब उस पार भेजी जा रही है।

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तस्करों को फोन व वाट्सअप पर डिमांड आ रहा है और उसके अनुसार झारखंड से शराब की खेप बिहार में पहुंच रही है। बिहार से सटे झारखंड के 10 जिलों गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, दुमका, गोडड़ा व साहिबगंज में शराब के तस्कर सक्रिय हो चुके हैं। माना जा रहा है कि बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान वोटरों को रिझाने के लिए राजनीतिक दलों के संरक्षण में शराब की खेप बिहार पहुंच रही हैं। तस्करी में घने जंगल के रास्ते शराब तस्करों को सहयोग कर रहे हैं।

कई जगह नक्सलियों के संरक्षण में भी अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है। वहीं कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां दोनों राज्यों की सीमा के रूप में सोन नदी बह रही है। इन इलाकों में सोन नदी की धार पर रात के अंधेरे में नाव से भी शराब की खेप पहुंच रही है। दूसरी ओर पुलिस की नजरों से माल को बचाने के लिए  बालू व स्टोन चिप्स भरे ट्रक में शराब के कार्टन भरकर बिहार भेजा जा रहा है। कार और लग्जरी वाहनों में शराब की पेटियां छिपाकर बिहार ले जाने और भेजे जाने का सिलसिला भी अचानक तेज हो गया है।

असली के साथ नकली शराब भी

बिहार में जा रही शराब में देसी, विदेशी, असली-नकली सभी तरह की खेप शामिल है। झारखंड स्टेट विबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के गोदाम से भी पूर्व में अवैध शराब की तस्करी के खुलासे हो चुके हैं। इसके अलावा जंगलों में ब्रांडेड बोतलों में अवैध नकली शराब तैयार करने के खुलासे भी पूर्व में होते रहे हैं, जो यह बता चुके हैं कि वहां से शराब की कई खेप बिहार में पहुंच चुकी है। कोडरमा, गिरिडीह और रांची में एक हफ्ते के दौरान तीन ऐसे भी मामले पकड़े गए, जहां घरों में नकली शराब बनाई जा रही थी।

हर सीमा पर अलग-अलग तरीका

कोडरमा : जंगल के रास्ते बिहार की सीमा में प्रवेश कर रही शराब। कोडरमा के डोमचांच, सतगांवा थाना क्षेत्र से बिहार की सीमा सटती है। पूरा जंगली इलाका होने से बालू-गिट्टी वाली गाडिय़ों में भारी मात्रा में शराब बिहार भेजी जाती है। यह शराब बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर व उत्तर बिहार के जिलों तक पहुंच रही है।

पलामू व गढ़वा : रात के अंधेरे में सोन नदी पर उतर जाती है तस्करों की नाव। रात होते ही तस्करों की नाव सोन नदी में उतरती है, जिसकी सहायता से नदी के दूसरी तरफ बिहार के इलाके में शराब पहुंच जाती है। नक्सली इस धंधे को संरक्षण देते हैं। हुसैनाबाद से सटे क्षेत्रों दंगवार से देवरी से बिहार के औरंगाबाद जिला व सोन नदी के जरिए रोहतास जिला में शराब भेजी जाती है। लोग टोकरी में सब्जी के नीचे शराब की बोतल लेकर रोहतास पहुंच जाते हैं। गढ़वा जिले में भी बिहार के चुटिया व नौहट्टा क्षेत्र में भी रात के अंधेरे में सोन नदी के रास्ते तस्करी हो रही है।

हजारीबाग : हजारीबाग के चौपारण का जंगल बिहार में शराब की तस्करी का सिल्क रूट है। इन इलाकों में अवैध व नकली शराब निर्माण का भी भंडाफोड़ होता रहा है। यहां छोटी कारों से शराब पहुंचाई जा रही है।

चतरा : चतरा जिले के हंटरगंज व प्रतापपुर के दो दर्जन से अधिक गांवों में शराब की अवैध भट्ठियां संचालित है, जहां से तैयार शराब जंगल के रास्ते बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहा है।

साहिबगंज : साहिबगंज जिले के चार थाना मुफ्फसिल, राजमहल, मिर्जा चौकी व जिरवाबाड़ी से बिहार की सीमा सटती है।  कई बार अवैध शराब की बरामदगी भी हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ही शराब लदा एक ऑटो मिर्जाचौकी चेकपोस्ट पार कर गया, लेकिन बिहार के पीरपैंती चेकपोस्ट पर पकड़ा गया था।

देवघर : लॉकडाउन के पहले जसीडीह व मधुपुर स्टेशन से ट्रेनों से शराब बिहार भेजी जाती थी। ट्रेन बंद हुई तो दर्दमारा सीमा क्षेत्र से सड़क मार्ग से शराब की तस्करी शुरू हुई। सब्जियों में छिपाकर शराब ले जाई जा रही शराब पकड़ी भी गई।

गिरिडीह : गिरिडीह से थोक में अवैध तरीके से शराब बिहार के जमुई जिले में प्रवेश कर रही है। शराब तस्करों को गिरिडीह के नक्सल प्रभावित इलाके का लाभ मिलता है। पीरटांड़ प्रखंड और डुमरी प्रखंड इसका केंद्र माना जाता है। यहां पूरन मरांडी के घर में मिनी शराब फैक्ट्री चलने का खुलासा भी हो चुका है।

गोड्डा  : गोड्डा जिले के आठ थाना क्षेत्रों की सीमा बिहार राज्य से मिलती है। इन क्षेत्रों में सबसे अधिक महुआ शराब मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खटनई से लेकर मेहरमा थाना की सीमा बाराहाट तक पहुंच रही है। बसंतराय, हनवारा और महागामा की लाइसेंसी अंग्रेजी शराब दुकानों से बिहार से आकर लोग शराब खरीदते हैं।


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