सीएनटी बिल पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया ये खुलासा
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के मुताबिक, जनता की भलाई के लिए सरकार से बात कर सीएनटी बिल लौटाया गया है।
जमशेदपुर, जेएनएन। सीएनटी बिल पर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बड़ा खुलासा किया है। उनके मुताबिक, जनता की भलाई के लिए सरकार से बात करने के बाद सीएनटी बिल लौटाया गया है।
जमशेदपुर सर्किट हाउस में आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने सीएनटी बिल जनता की भलाई के लिए ही सरकार से बात करने के बाद वापस किया है। इस बिल के विरोध में 200 आपत्तियां आई थीं।
सूत्रों के मुताबिक, राजभवन ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन बिल 24 मई को ही राज्य सरकार को वापस कर दिया था। लौटाए गए बिल के साथ राज्यपाल ने उन कड़ी आपत्तियों पर बिंदुवार जवाब तलब किए हैं, जो उनसे मिलने आए विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने उठाए थे। इन तमाम संगठनों की मांग थी कि राज्यपाल संशोधन संबंधी विधेयक राज्य सरकार को वापस करें। इनकी आपत्तियां जमीन की प्रकृति में बदलाव समेत अन्य बिंदुओं पर थी।
कुछ संगठनों ने इसे विधानसभा में बगैर चर्चा के पारित कराने को लेकर भी गहरी आपत्ति जताई थी। तमाम बिंदुओं पर कानूनी राय-मशविरे के बाद राजभवन ने इसे सरकार को वापस लौटाने का निर्णय लिया। सीएनटी-एसपीटी संशोधन बिल लौटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास और मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री 20 जून को राज्यपाल को जन्मदिन की बधाई देने राजभवन गए थे।
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा तीन जून को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने राजभवन गईं थीं। इससे पूर्व मई के पहले सप्ताह में कुलपतियों की नियुक्ति से पूर्व भी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। सीएनटी-एसपीटी संशोधन बिल वापस लौटाने का फैसला लेने के पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू दिल्ली भी गई थीं। 13 मई को नई दिल्ली में उन्होंने कई वरीय नेताओं से मुलाकात की थी। बताया जाता है कि इस दौरान सीएनटी-एसपीटी संशोधित बिल को लेकर भी कई स्तरों पर चर्चा हुई।
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