बच्चों की खरीद-बिक्री में अनिमा व सिस्टर कांसिलिया ने कुबूला जुर्म
बच्चों की खरीद-बिक्री में जेल भेजी गई अनिमा व सिस्टर कांसिलिया ने कोतवाली पुलिस की रिमांड पर पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कुबूल लिया है।
जागरण संवाददाता, रांची। मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित 'निर्मल हृदय' आश्रम से बच्चों की बिक्री होती थी। जेल भेजी गई अनिमा व सिस्टर कांसिलिया ने कोतवाली पुलिस की रिमांड पर पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कुबूल लिया है।
पूछताछ के दौरान ही अनिमा के पास से एक पर्चे की भी बरामदगी हुई है। जेल में कड़ी सुरक्षा के बावजूद पर्चा पहुंचाने वाले और बयान बदलवाने की सलाह देकर जांच को भ्रमित करने वाले को पुलिस तलाश रही है। अनिमा ने उक्त पर्चे को अपने प्राइवेट पार्ट में छुपा रखा था। उक्त पर्चे में पूरा बयान लिखा था, जिसे पुलिस को बताने के लिए कहा गया था। आशंका जताई जा रही है कि बच्चा बिक्री के गिरोह में शामिल लोगों का इसमें हाथ हो सकता है। हालांकि अनिमा ने पर्चा देने वाले का नाम नहीं बताया है। कहा कि वह संबंधित व्यक्तिको नहीं जानती है। पर्चा देने वाले संस्था के सदस्य थे।
गौरतलब है कि बच्चों की बिक्री का मामला सामने आने के बाद जेल भेजी गई अनिमा इंदवार और सिस्टर कांसिलिया को पुलिस ने चार दिनों के रिमांड पर लिया है। पूछताछ में अनिमा और सिस्टर कांसिलिया ने चार बच्चों की बिक्री में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है। इनमें एक बच्ची को बिना पैसे लिए सौंपने की बात कही है। बिना पैसे के बच्ची को पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो की बहू शैलजा तिर्की को सौंपा गया था। अन्य बच्चों के संबंध में पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे बच्चे कहां गए, इस बारे में कुछ पता नहीं है। बताते चलें कि चार जुलाई को अनिमा इंदवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दूसरे दिन पांच जुलाई को सिस्टर कांसिलिया जेल भेजी गई थीं।
मुलाकात के दौरान दिया था पर्चा
पूछताछ में अनिमा इंदवार ने पुलिस को बताया है कि उससे जेल में मुलाकात के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सदस्य पहंुचे थे। मुलाकात के दौरान ही उसे पर्चा दिया गया था। पर्चा देने वालों ने कहा था कि बच्चा बिक्री का आरोप तुम पूरा खुद पर मढ़ लो। सिस्टर कांसिलिया या अन्य लोगों की भूमिका से मना कर देना। इसके बाद हम तुम्हें बचा लेंगे। पर्चा को गुप्त तरीके से जेल के भीतर पहुंचाया गया था।
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी
बच्चे की बिक्री का मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) अध्यक्ष रूपा कुमारी ने तीन जुलाई को एएचटीयू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें निर्मल हृदय की संचालिका, सिस्टर कांसिलिया, बच्चे को बेचने वाली अनिमा इंदवार, बच्चे की मां, खरीदार सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) जिले के ओबरिया निवासी सौरभ अग्रवाल और उनकी पत्नी प्रीति अग्रवाल व सदर अस्पताल की गार्ड मंजू सहित 12 लोगों को आरोपित बनाया गया है।