झारखंड में भोजपुरी पर बवाल के बीच Bigg Boss फेम दीपक ठाकुर ने हेमंत सोरेन को कही बड़ी बात
jharkhand language dispute झारखंड में भोजपुरी मगही अंगिका और मैथिली भाषाओं को लेकर बवाल मचा हुआ है। झामुमो और आजसू पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। इस बीच दीपक ठाकुर ने हेमंत सोरेन के लिए बड़ी बात कही है।
रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने तृतीय श्रेणी के पदों पर बहाली के लिए होनेवाली परीक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी, मगही, अंगिका एवं मैथिली को शामिल कर लिया है। इस पर झारखंड में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। खुद हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई नेता और कार्यकर्ता अपनी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। पार्टी छोड़ने की चेतावनी दे रहे हैं।
भोजपुरी भाषा का विरोध कर रहे नेताओं को नसीहत
इस बीच बिग बास सीजन-12 (Bigg Boss 12) में शामिल रहे बालीवुड गायक दीपक ठाकुर (Deepak Thakur) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए बड़ी बात कह दी है। इतना ही नहीं भोजपुरी भाषा का विरोध कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू पार्टी के नेताओं को भी कई तरह की नसीहत दे डाली है।
मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त करता हूं
अपनी खास आवाज और गायिकी के लिए मशहूर दीपक ठाकुर ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शानदार पहल की है। इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। दीपक ठाकुर ने कहा- मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने भोजपुरी को सम्मान दिया।
बिहार के लोगों के लिए मां के समान है भोजपुरी
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहनेवाले बालीवुड के गायक दीपक ठाकुर ने कहा कि झारखंड में बड़ी संख्या में भोजपुरी भाषी लोग रहते हैं। झारखंड बिहार का हिस्सा रहा है। वहां बस चुके बिहार के लोगों के लिए भोजपुर मां के समान है। भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करने से युवाओं को नौकरी में अवसर मिलेगा।
राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए कर रहे विरोध
दीपक ठाकुर ने कहा कि भोजपुर भाषा का विरोध करना कुछ लोगों का राजनीतिक स्वार्थ हो सकता है। झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो के जो नेता और कार्यकर्ता भोजपुरी भाषा का विरोध कर रहे हैं, उनका भी कोई न कोई राजनीतिक मकसद होगा। संभव है कि उनके क्षेत्र में इस भाषा के लोग कम होंगे। वह अपने वोट बैंक को दुरुस्त रखने के लिए ऐसा बोल रहे होंगे।
अपनी राजनीति के लिए भाषा का नहीं करें इस्तेमाल
दीपक ठाकुर ने यह भी कहा कि पिछले कई दशक से हम धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर लड़ते आ रहे हैं। अब ऐसे दौर में भाषा के नाम पर हमें नहीं लड़ना चाहिए। भाषा कोई भी हो, उसका सम्मान करना चाहिए। अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए भाषा को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भाषा हमारे दिलों को जोड़ने का काम करती है। रिश्तों को मजबूत बनाती है।
झामुमो और आजसू पार्टी को यह बात समझ लेनी चाहिए
दीपक ठाकुर ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर बिहार में मराठी भाषी लोगों की संख्या बहुतायत हो जाएगी तो क्या उनकी मराठी भाषा को सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। भोजपुरी भाषी लोग क्या उसे नजरअंदाज कर देंगे ? झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू के कार्यकर्ताओं को भी यह समझना चाहिए कि झारखंड में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या काफी है। उन्हें सम्मान देना चाहिए।
झामुमो और आजसू पार्टी के नेता कर रहे विरोध
मालूम हो कि सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के विधायक रह चुके अमित महतो ने हेमंत सोरेन सरकार के फैसले का विरोध किया है। इतना ही नहीं हेमंत सोरेन सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने भी भोजपुरी, अंगिका, मगही और मैथिली को क्षेत्री भाषाओं की सूची से बाहर करने की मांग की है। अमित महतो ने तो 20 फरवरी 2022 को झामुमो से रिश्ता तोड़ लेने तक की धमकी दे दी है। ऐसे में बिग बास के चर्चित कलाकार रहे दीपक ठाकुर का बयान अब क्या रंग लाता है, देखने वाली बात होगी।
मगही, भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा की सूची से बाहर करे सरकार : आजसू
उधर, शनिवार को आजसू पार्टी ने भी तृतीय श्रेणी के पदों पर बहाली को लेकर होनेवाली परीक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से मगही, भोजपुरी, अंगिका एवं मैथिली को शामिल करने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग राज्य सरकार से की है। साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से इन भाषाओं को बाहर नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
25 जनवरी को झारखंड के कई जिलों में पुतला दहन
आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में इन भाषाओं को शामिल करने से राज्य के युवाओं में आक्रोश है। यदि राज्य सरकार इसपर पुनर्विचार नहीं करती है तो आजसू पार्टी 25 जनवरी को धनबाद, बोकारो एवं गिरिडीह में मुख्यमंत्री का पुतला दहन करेंगे।
26 जनवरी से हस्ताक्षर अभियान चलाने की चेतावनी
साथ ही पार्टी 26 जनवरी को झारखंड आंदोलन के अगुआ बिनोद बिहारी महतो की समाधि स्थल से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेगी। भगत ने आरोप लगाया कि झारखंड की संपदा की लूट जारी है। गिरिडीह से निर्वाचित सांसद एवं आजसू पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश चौधरी कार्यकर्ताओं के साथ कोयला के अवैध कारोबार के खिलाफ कल सड़क पर उतरे तथा गाडिय़ां जब्त कीं।