अदालत की अवमानना में विधायक का जवाब, बयान गलत तरीके से पेश किया गया
भोला यादव ने अनुरोध किया है कि उनके खिलाफ जो गिरफ्तारी वारंट जारी है उसे वापस ले लिया जाए।
जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाला के अवमानना मामले में बिहार के बहादुरपुर के विधायक भोला यादव गुरुवार को सीबीआइ कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने पिछले दिनों जारी अवमानना संबंधित नोटिस का लिखित जवाब न्यायालय में दाखिल किया। भोला यादव ने अनुरोध किया है कि उनके खिलाफ जो गिरफ्तारी वारंट जारी है उसे वापस ले लिया जाए। उन्होंने अपने बचाव में लिखा है कि उनके बयान को गलत तरीके से मीडिया में पेश किया गया है। उन्होंने लालू प्रसाद पर सीबीआइ कोर्ट के फैसले के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की थी। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह के अवकाश में होने के कारण मामले की सुनवाई सीबीआइ के प्रभारी न्यायाधीश प्रदीप कुमार ने की। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि पांच मई निर्धारित की है।
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 19 अप्रैल को भोला यादव के खिलाफ गैरजमानतीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इससे पहले चार अप्रैल को भोला के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया गया था। अदालत ने भोला यादव के उस बयान पर संज्ञान लेते हुए नोटिस दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर' लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई गई है। अदालत ने उन्हें स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था।
भोला पर आरोप था कि 28 मार्च को रिम्स से एम्स जाने के दिन मीडिया के सवालों पर कहा था कि कोर्ट ने कई आब्जर्वेशन मनगढ़ंत गढ़े हैं। दुर्भावनाग्रस्त होकर फैसला दिया गया है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला नहीं टिकेगा। भोला यादव द्वारा मीडिया में दिए बयान पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अवमानना नोटिस जारी किया था। भोला यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।
19 अप्रैल को जारी हुआ था वारंटः
भोला यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 19 अप्रैल को भोला यादव के खिलाफ गैरजमानतीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इससे पहले चार अप्रैल को भोला के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया गया था। उन्हें 19 अप्रैल को अदालत में हाजिर होकर जवाब देने का आदेश दिया गया था। वे अदालत में हाजिर नहीं हुए। न तो कोई रिप्लाई दिया और न ही उपरी अदालत का कोई स्टे आडर अदालत में दाखिल किया, जबकि सीबीआइ की ओर से अदालत में बताया गया अदालत दृआरा जारी नोटिस का तामिला करा दिया गया है।
अदालत ने भोला यादव के उस बयान पर संज्ञान लेते हुए नोटिस दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर' लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई गई है। अदालत ने उन्हें स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था। साथ ही, जारी नोटिस का तामिला कराने के लिए सीबीआइ को निर्देश दिया गया है। सीबीआइ ने नोटिस का तामिला कराए जाने संबंधित सूचना अदालत को दे दी है।
लालू के बेहद करीबी हैं भोलाः
भोला यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी व विश्वासपात्र माने जाते हैं। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले से लालू प्रसाद को 24 मार्च को अलग-अलग दो धाराओं में अदालत ने 14 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। उस वक्त लालू प्रसाद रिम्स में भर्ती थे।
28 मार्च को दिया था बयानः
भोला पर आरोप था कि 28 मार्च को रिम्स से एम्स जाने के दिन मीडिया के सवालों पर कहा था कि कोर्ट ने कई आब्जर्वेशन मनगढंत गढ़े हैं। दुर्भावनाग्रस्त होकर फैसला दिया गया है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला नहीं टिकेगा। भोला यादव द्वारा मीडिया में दिए बयान पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अवमानना नोटिस जारी किया था।