लालू प्रसाद के करीबी विधायक भोला यादव कोर्ट में हुए हाजिर
रांची : चारा घोटाले केअवमानना मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी बिहार के बहादुरपुर विधानसभा से राजद विधायक भोला यादव शनिवार को कोर्ट में हाजिर हुए। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह के अवकाश में होने की वजह से उन्होंने प्रभारी न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में हाजिरी लगाई। चूंकि अधिवक्ता न्यायिक कार्य में भाग नहीं ले रहे हैं, अदालत ने उन्हें पेश होने की अगली तिथि 18 मई निर्धारित किया है। भोला यादव के खिलाफ सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 19 अप्रैल को गैरजमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
रांची : चारा घोटाले केअवमानना मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी बिहार के बहादुरपुर विधानसभा से राजद विधायक भोला यादव शनिवार को कोर्ट में हाजिर हुए। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह के अवकाश में होने की वजह से उन्होंने प्रभारी न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में हाजिरी लगाई। चूंकि अधिवक्ता न्यायिक कार्य में भाग नहीं ले रहे हैं, अदालत ने उन्हें पेश होने की अगली तिथि 18 मई निर्धारित किया है। भोला यादव के खिलाफ सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 19 अप्रैल को गैरजमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद वे 26 अप्रैल को अदालत में हाजिर हुए थे। उस समय भी शिवपाल सिंह के अवकाश पर होने की वजह से प्रभारी न्यायाधीश की अदालत में ही हाजिरी लगाई थी और लिखित जवाब दाखिल किया था।
चार अप्रैल को भोला यादव के खिलाफ कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किया था। उन्हें 19 अप्रैल को अदालत में हाजिर होकर जवाब देने का आदेश दिया गया था। लेकिन, अदालत में हाजिर नहीं हुए। न ही उन्होंने कोई जवाब दिया, न ऊपरी अदालत का कोई स्टे ऑर्डर अदालत में दाखिल किया। ऐसे में उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था। अदालत ने भोला यादव के उस बयान पर संज्ञान लेते हुए नोटिस दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई गई है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद को 24 मार्च को अलग-अलग दो धाराओं में अदालत ने 14 वर्ष की सजा सुनाई थी। उस वक्त लालू प्रसाद रिम्स में भर्ती थे।
भोला पर आरोप था कि 28 मार्च को लालू के साथ राची के रिम्स नई दिल्ली के एम्स जाने के दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों पर कहा था कि कोर्ट ने कई ऑब्जर्वेशन मनगढं़त गढ़े हैं। दुर्भावनाग्रस्त होकर फैसला दिया है। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामला नहीं टिकेगा। भोला यादव द्वारा मीडिया में दिए गए इसी बयान पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अवमानना नोटिस जारी किया था।