Bhado Amavasya 2021: आज है भादो अमावस्या, इन उपायों से दूर होगी शनि और कालसर्प योग समेत ये परेशानियां
भादो मास की अमावस्या तिथि को बहुत को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और पुण्य फलदायी माना गया है। इस अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन किए गए तर्पण से पितरों को विशेष शांति मिलती है।
रांची, जासं । भादो मास की अमावस्या तिथि को बहुत को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ और पुण्य फलदायी माना गया है। इस अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन किए गए तर्पण से पितरों को विशेष शांति मिलती है। इसके साथ ही आज का दिन आपकी कुंडली में कालसर्प योग और शनि की बूरी स्थित के कारण होने वाले परेशानी को भी दूर करने में मदद कर सकता है। आज किए गए विशेष उपाय का फल कई गुणा ज्यादा मिलता है। ज्योतिषाचार्य पं अजित मिश्रा बताते हैं कि किसी भी मनुष्य के जीवन में दुखों के कई कारण हो सकते हैं। मगर इसमें सबसे बड़ा कारण ग्रहों की आक्रांत स्थिति होती है। ऐसे में आज हर व्यक्ति को एक से कम एक उपाय जरूर करना चाहिए। आज किसी गरीब को भोजन जरूर कराएं।
ये करें उपायः
ज्योतिषाचार्य पं अजित मिश्रा बताते हैं कि भादो अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए उपायय करने से जीवन में पृत दोष और कार्य में आने वाली विभिन्न बाधाओं से शांति मिलती है। आज पितरों के तर्पण का कार्य जरूर करें। साथ ही, सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ में चीनी मिश्रित जल का अर्पण करें। फिर वहां आटे के पांच दिए जलाएं। इसके 7-11 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से धन की प्राप्ति होगी। अमावस्या पर भगवान शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन शनिदेव की पूजा करें। उनसे जुड़ी चीज जैसे सरसों का तेल, काले तिल, काला कम्बल आदि का दान करना चाहिए। जिन व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग का दोष है, उनके लिए भी आज का दिन बेहद शुभ है। कालसर्प योग कुंडली में राहु और केतु के योग से बनता है। ऐसे लोगों को आज नदी में नाग-नागिन बनाकर प्रवाहित करना चाहिए।
शहर में हो रहा विशेष आयोजन
भादो अमावस्या के अवसर पर काला झंडा शनि मंदिर पंडरा रांची में शनि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर शनि मंदिर का फूल - पत्तों से विशेष श्रृंगार किया गया है। शनि महोत्सव पर शनिदेव का विशेष पूजन व अनुष्ठान की जा रही है। सुबह सबसे पहले शनि मंदिर में काला ध्वज का ध्वजारोहण किया गया। इसके बाद शनि विग्रह पर जल अभिषेक व तेल अभिषेक कर काला कपड़ा , नीला कपडा , लोहा , काला उरद , काला तिल , नीला फूल , अकवन के फूल - पत्ते , व दही अर्पण कर विशेष पूजन व अनुष्ठान शुरू कर दिया गया है। ये अनुष्ठान पूरे दिन चलेगा।