Move to Jagran APP

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी केसामने लगे जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे

रांची कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी कलह और गुटबाजी एकबार फिर प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के सामने उजागर हुई। राज्य प्रमुख डॉ. अजय राय के समर्थक और विरोध आपस में भिड गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 05:36 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 06:36 AM (IST)
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी  केसामने लगे जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी केसामने लगे जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे

रांची : कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी कलह और गुटबाजी एकबार फिर प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के सामने उजागर हो गई। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा भेजा तो उनके इस्तीफे को स्वीकार करने की मांग भी कई गुटों ने करनी शुरू कर दी।

loksabha election banner

इसके साथ ही अध्यक्ष के पक्ष में कार्यकर्ता और नेता भी सक्रिय हो गए। यह हंगामा एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के सामने हुआ। जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारों के बीच अध्यक्ष के गुट और विरोधियों में धक्कामुक्की भी हुई। हंगामा शांत हुआ तो प्रदेश प्रभारी ने सभी जिलाध्यक्षों से बात कर उनसे महागठबंधन को लेकर विचार पूछे। पंद्रह दिनों के अंदर लिखित जवाब मांगा गया है।

शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय अखाड़ा के रूप में बदल गया था। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अजय कुमार के विरोधी गुट व्यापक तौर पर सक्रिय हो गए हैं और इन्होंने एक बार फिर मोर्चा संभाल लिया।

पूर्व महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह समेत अन्य डॉ.अजय कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे तो पक्ष में मोर्चा संभाला वर्तमान महानगर अध्यक्ष संजय पांडेय और उनकी टीम ने सुबोधकांत सहाय मुर्दाबाद के नारे लगाए। एक-दूसरे के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने के बाद विरोधी गुट अपनी बात लेकर आरपीएन के पास पहुंचा।

आरपीएन ने उनकी बातों को आलाकमान तक पहुंचाने की बात कही। इसके बाद वे शांत हुए। पत्रकारों से आरपीएन ने कहा कि यह परिवार का मामला है, शीघ्र शांत हो जाएगा।

रघुवर सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिस राज्य में आज भी भूख से मौत हो और वहा के मुख्यमंत्री कहें कि राज्य का विकास हो रहा है तो उनको शर्म आनी चाहिए।

इसके बाद प्रदेश प्रभारी ने सभी जोनल को-ऑर्डिनेटर और सभी मोर्चा के साथ बैठक की। मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग, जिलाध्यक्ष, युवा काग्रेस, महिला कंाग्रेस, एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष, अल्पसंख्यक विभाग, अनुसूचित जाति विभाग, आदिवासी काग्रेस एवं ओबीसी विभाग के प्रदेश चैयरमेन भी बैठक में थे।

बैठक में आरपीएन सिंह ने सभी के विचार सुने और हार के कारणों पर सबकी राय ली। उन्होंने कहा कि हमें तत्काल विधानसभा चुनाव में जाना है। जनता से जुड़े सवालों को उठाना होगा। जिलाध्यक्षों को स्थानीय मुद्दे से प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराने की बात कही। कहा, उन्हीं मुद्दों को लेकर हम विधानसभा के चुनाव में जायेंगे। उन्होंने कहा कि अभी हम महागठबंधन के हिस्सा हैं, लेकिन जिस प्रकार आपने गठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा है, आनेवाले समय में इसका क्या स्वरूप होना चाहिए, जिलाध्यक्ष अपने सुझावों से पन्द्रह दिनों के अंदर प्रदेश काग्रेस को अवगत करायेंगे, ताकि भविष्य के लिए निर्णय लिया जा सके।

बैठक में मुख्य रूप से जोनल को-आर्डिनेटर रमा खलखो, अशोक चैधरी, मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू, आलोक कुमार दूबे, शमशेर आलम, संजय लाल पासवान, शिवकुमार भगत, राकेश किरण महतो, अजयनाथ शाहदेव, डॉ.एम. तौसिफ, आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.