रहिए सावधान, टाटा स्टील में नौकरी के चक्कर में कहीं आपके साथ भी कुछ ऐसा न हो जाए
टाटा स्टील कंपनी में नौकरी के नाम पर ठगी का खेल लंबे समय से चलता आ रहा है। कई दलाल नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को हर दिन ठगते रहते हैं। कई बार तो दलाल पकड़े जाते हैं लेकिन ज्यादातर समय वह बच निकलते हैं।
रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंड के पूर्वी सिंंहभूम जिले के जमशेदपुर शहर स्थित टाटा स्टील कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर एक आदिवासी युवक से ठगी का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं उसे दलालों ने बंधक बना लिया था। उसकी जान खतरे में थी। बड़ी मुश्किल से उसने जान बचाई है।
दरअसल, हुआ यह कि झारखंड के पड़ोसी राज्य ओडिशा के रहने वाले सत्यजीत मिंज को नौकरी की दरकार थी। वह नौकरी की तलाश में थे। इसी बीच वह दलालों के चंगुल में फंस गए। दलालों ने उन्हें टाटा स्टील कंपनी में बतौर डाटा ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का वादा किया। इस एवज में रुपये की भी मांग की।
सत्यजीत मिंज दलालों के झांसे में आ गए। उन्हें लगा कि टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनी में डाटा ऑपरेटर की नौकरी मिल जाएगी तो उनकी सारी मुश्किलें दूर हो जाएंगी। दलालों ने उन्हें नौकरी दिलाने के लिए 30 नवंबर 2021 को 20 हजार रुपये नकद लेकर रांची जिले के पुंदाग बुलाया।
दलालों ने सत्यजीत मिंज से कहा कि उनका एक दिसंबर को नौकरी के लिए साक्षात्कार होगा। इसके बाद उन्हें टाटा स्टील कंपनी में नौकरी मिल जाएगी। सत्यजीत मिंज घर से बेहद खुशी के साथ बीस हजार रुपये लेकर झारखंड की राजधानी रांची पहुंच गए।
सत्यजीत मिंज ने रांची पहुंचते ही दलालों को फोन किया। इसके बाद उनसे एक दलाल मिला। वह उन्हें एक घर में ले गया। एक दिसंबर को साक्षात्कार होने की बात कहते हुए सत्यजीत मिंंज का इंटरमीडिएट का सभी प्रमाण-पत्र अपने पास रख लिया।
पुलिस को दिए गए बयान के मुताबिक सत्यजीत मिंज कहते हैं कि दलालों ने उन्हें बताया कि तुम्हारी नौकरी पक्की हो गई है, लेकिन उसे और नौ बेरोजगार युवाओं को 20-20 हजार रुपये लेकर यहां बुलाना होगा। ऐसा करने के बाद ही उसके प्रमाण पत्र वापस किए जाएंगे।
सत्यजीत मिंज की शंका अब तेजी से बढ़ने लगी थी। उसने दलालों से कहा कि आपलोगों ने टाटा स्टील कंपनी में नौकरी के नाम पर बुलाया था। तब दलालों ने कहा कि उनका नेटवर्किंग का काम है। इसके बाद सत्यजीत मिंंज ने नौकरी करने से इन्कार कर दिया। कहा कि मेरा 20 हजार रुपये और प्रमाण-पत्र वापस कर दीजिए।
सत्यजीत मिंज की यह बात सुनते ही दलाल भड़क उठे। उन्होंने उसे बंधक बना लिया। चार दलालों ने उन्हें सात दिनों तक बंधक बनाए रखा। उनके प्रमाण-पत्र को अपने पास जब्त रखा। इसी बीच बुधवार को सत्यजीत किसी तरह उनके चंगुल से भाग निकले। वह सीधे पुंदाग ओपी पहुंचे।
सत्यजीत मिंज ने पुंदाग ओपी में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। उन्होंने प्राथमिकी में महादेव, रघुनंदन सिंह, गुंदरू काजरी और दीपक नाम के दलालों को आरोपित बनाया है। पुंदाग ओपी पुलिस के अनुसार, आरोपित रघुनंदन सिंह गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, अन्य तीन आरोपित फरार हो गए हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।