रांची से रामगढ़ की ओर जा रहे हैं, तो हो जाएं सावधान; चुटूपालू घाटी में स्पीड ब्रेकर लगने से हो रही दुर्घटनाएं
Jharkhand News बताया गया कि अवैज्ञानिक तरीके से बनाए गए चुटूपालू घाटी फोरलेन में रांची की ओर से आने वाले वाहनों का स्पीड 100 किमी स्पीड में हो जाता है। लगातार हो रहे दुर्घटनाओं के बाद ब्लैक स्पॉट में लगे स्पीड ब्रेकर को एनएचएआई ने हटा दिया था।
रामगढ़, जासं। अगर आप रांची की ओर से चारपहिया वाहन से चुटूपालू घाटी होकर रामगढ़, हजारीबाग, पटना, बोकारो जा रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। नेशनल हाइवे के चुटूपालू घाटी के एक्सीडेंटल जाेन (ब्लैक स्पॉट) के रूप में चिन्हित गंडके मोड़ में फिर से स्पीड ब्रेकर लगा दिया गया है। चार दिन पहले यहां स्पीड ब्रेकर लगा दिया गया है। इसके बाद से लगातार यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं। पिछले चार दिनों के दुर्घटनाओं की बात करें तो यहां एनएचएआइ द्वारा लगाए गए स्पीड ब्रेकर में पांच दुर्घटनाएं हो चुकी है।
हालांकि दुर्घटनाओं में अभी तक कोई हताहत नहीं हुई है। बताया गया कि अवैज्ञानिक तरीके से बनाए गए चुटूपालू घाटी फोरलेन में रांची की ओर से आने वाले वाहनों का स्पीड 100 किमी स्पीड में हो जाता है। इसमें खासकर भारी वाहनों का ब्रेकफेल होकर दुर्घटना होने की शिकायत लगातार होती रही है। एक साल पहले यहां लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद ब्लैक स्पॉट में लगे स्पीड ब्रेकर को एनएचएआइ ने हटा दिया था। इसके बाद यहां काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई थी।
एक साल के दौरान ब्लैक स्पॉट घोषित गंडके मोड़ के पास औसतन महीने में एक-दो भारी वाहनें दुर्घटनाग्रस्त हुईं। इस दौरान यहां किसी की भी जान नहीं गई। हालांकि इस वर्ष के जनवरी से लेकर अक्टूबर माह तक चुटूपालू घाटी से लेकर रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र के फोरलेन में हुई दुर्घटनाओं में 121 लोगों की जानें गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इधर चार दिन पहले एक्सीडेंट जोन के रूप में चिन्हित ब्लैक स्पॉट गंडके मोड़ में एनएचएआइ द्वारा फिर से स्पीड ब्रेकर लगाने के बाद से रांची की ओर से आने वाले वाहन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।
यहां स्पीड ब्रेकर लगते ही एक भारी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इसके बाद एक यात्री बस ने आगे चल रहे एक कार को पीछे से धक्का मार दिया। मंगलवार की रात एक माल लदा वाहन गंडके स्पीड ब्रेकर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पिछले चार दिनों में गंडके मोड़ के पास लगाए गए स्पीड ब्रेकर से हो रही लगातार दुर्घटना के बाद अब सवाल उठाया जा रहा है कि यहां का स्पीड ब्रेकर दुर्घटनाओं को रोकने की बजाय दुर्घटनाओं को बढ़ा रहा है। इस संबंध में एनएचएआइ के कोई भी अधिकारी कुछ भी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से बच रहे हैं।