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सावधान हो जाइए! मोबाइल नंबर वेरिफ‍िकेशन के नाम पर खातों से लाखों उड़ा रहे साइबर अपराधी

साइबर अपराधी अब आपके खातों की डिटेल्स, एटीएम का पिन व आधार नंबर पूछे बिना खातों से रुपये उड़ा रहे हैं। राजधानी रांची में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 12:42 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 12:42 PM (IST)
सावधान हो जाइए! मोबाइल नंबर वेरिफ‍िकेशन के नाम पर खातों से लाखों उड़ा रहे साइबर अपराधी
सावधान हो जाइए! मोबाइल नंबर वेरिफ‍िकेशन के नाम पर खातों से लाखों उड़ा रहे साइबर अपराधी

रांची, फहीम अख्तर। साइबर अपराधियों ने अब खातों से रुपये उड़ाने में अपना ट्रेंड बदल लिया है। अपराधी अब मोबाइल नंबर वेरीफिकेशन के नाम पर खातों से लाखों की निकासी करने लगे हैं। अब आपके खातों की डिटेल्स, एटीएम का पिन व आधार नंबर पूछे बिना खातों से रुपये उड़ा रहे हैं। राजधानी रांची में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।

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साइबर थाने की पुलिस साइबर अपराधियों की इस नए ट्रेंड की पड़ताल में जुट गई है। साइबर एक्सपट्र्स की मानें तो साइबर अपराधी मोबाइल नंबर वेरीफिकेशन के नाम पर कॉल कर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) पूछते हैं। जो आधार नंबर को संबंधित खाताधारकों के खाते से ऑनलाइन लिंक कराने के लिए लेते हैं। इसके बाद आधार नंबर हटाकर अपने आधार लिंक कर रुपये उड़ा लेते हैं। इसका इस्तेमाल ऑनलाइन बैंकिंग खातों में छेड़छाड़ और अवैध निकासी में जोरों पर किया जा रहा है। हाल में रांची में ऐसे मामले सामने आने के बाद साइबर पुलिस की चिंता बढ़ गई है।

आधार नंबर पूछ भेजते हैं ओटीपी : साइबर अपराधी खुद को नामी टेलीकॉम कंपनियों के नाम बताकर खाता धारकों को कॉल करते हैं। इसके बाद उनके नाम और पते का सत्यापन कर नंबर चालू रखने की बात कह ओटीपी भेजते हैं। इसी ओटीपी के माध्यम से साइबर अपराधी संबधित नंबर से जुड़े खाते के रुपये उड़ रहे हैं। इस नए तरीके की ठगी में आम लोग फंस रहे हैं। लाखों की गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं।

अब बायोमेट्रिक्स सिस्टम से लिंक होते हैं नंबर : साइबर और टेलीकॉम  जानकारी के अनुसार इन दिनों मोबाइल नंबरों की वेरीफिकेशन के लिए आधार नंबरों को बायोमेट्रिक्स  सिस्टम से लिंक कराए जा रहे हैं। मोबाइल नंबरों के वेरीफिकेशन कनेक्शन चालू होने के साथ ही कर लिया जाता है। कॉल नहीं किए जाते। लेकिन साइबर अपराधियों की इस चाल में लोग फंस रहे हैं। ऐसे मोबाइल नंबर के वेरीफिकेशन के लिए नजदीकी मोबाइल कंपनी के दफ्तरों में जाना होता है। या स्वयं कॉल कर आधार नंबर से लिंक कराया जाता है।

केस 1 : रांची के लालपुर वद्र्धमान कंपाउंड निवासी सुमित कुमार खाते से 64 हजार रुपये की निकासी कर ली गई। वे जब एटीएम से अपने खाते से रुपये निकासी करने पहुंचे, तब पता चला कि उनके खाते से रुपये की निकासी कर ली गई है। बैंक से संपर्क करने पर पता चला कि उनके खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया गया। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर कॉल कर नंबर वेरीफिकेशन किया गया था। इसके लिए ओटीपी भेजा गया था। इसके बाद निकासी कर ली गई। इसे लेकर लालपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। साइबर थाने की पुलिस भी इसकी जांच कर रही है। 

केस 2: चुटिया निवासी संजीत कुमार को साइबर अपराधियों ने फोन कर उनका मोबाइल और आधार नंबर पूछा। इसके बाद ओटीपी भेजकर खाते से 1.55 लाख की निकासी कर ली गई। वे जब बैंक गए तो उन्हें ऑनलाइन शॉपिंग किए जाने की जानकारी मिली। इस मामले की जांच चुटिया थाना और साइबर थाना की पुलिस कर रही है।

'मोबाइल पर कॉल कर आधार, एटीएम का पिन या ओटीपी कतई नहीं दें। साइबर अपराधी इसका गलत फायदा उठाकर खातों से रुपये उड़ा रहे हैं। मोबाइल नंबर से कॉल कर जानकारी लेने वाले अपराधियों पर काम चल रहा है।-सुमित प्रसाद, डीएसपी सह थाना प्रभारी साइबर क्राइम थाना रांची।


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