आदिवासी युवाओं को काबिल बनाने में जुटे बैंककर्मी, ऑनलाइन क्लास से प्रतियोगी परीक्षाओं की करा रहे तैयारी
Jharkhand Hindi News Jamshedpur News आल इंडिया संताल बैंक इंप्लाइज वेलफेयर सोसाइटी ने अनूठी पहल की है। कई राज्यों में शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं। सोसाइटी का मुख्य मकसद आदिवासी समाज में जागरूकता पैदा करना और आदिवासी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है।
जमशेदपुर, [वेंकटेश्वर राव]। समाज के उत्थान के लिए सबसे पहले सक्षम लोगों को ही आगे आना चाहिए। कुछ ऐसा ही काम आल इंडिया संथाल बैंक इम्प्लाइज वेलफेयर सोसाइटी कर रही है। यह सोसाइटी भारत के विभिन्न राज्यों में रहने वाले आदिवासी समाज के शिक्षित बेरोजगारों व बच्चों को सरकारी नौकरी के लायक बना रही है। एसएससी, रेलवे, बैंकिंग व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा रही है। यह काम सोसाइटी की संताल बैंकर्स सचेत आसड़ा (पाठशाला) के सहयोग से हो रहा है।
सोसाइटी का मुख्य मकसद केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों को दी जा रही सुविधा के प्रति आदिवासी समाज में जागरूकता पैदा करना और इसी के माध्यम से अधिक से अधिक आदिवासी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। उसमें भी सरकारी नौकरी पर मुख्य फोकस है। इन्होंने इसे अपने जुनून में शामिल कर लिया है।
आठ माह से चल रहीं कक्षाएं
आसड़ा की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पिछले आठ माह से आनलाइन क्लास कराई जा रही है। अगर किसी बेरोजगार युवक के पास मोबाइल नहीं है, तो अगल-बगल के किसी के सहयोग से निर्धारित स्थान पर एकत्र होते हैं। वहां मोबाइल या लैपटाप या फिर डेस्कटाप के माध्यम से युवक-युवतियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी दी जाती है तथा इसकी तैयारी को लेकर कई टिप्स दिए जाते हैं। यह काम प्रत्येक शनिवार व रविवार को हो रहा है। आफिस से आने के बाद बैंक कर्मी अपना समय युवाओं को पढ़ाने में देते हैं।
इस सोसाइटी से जुड़ने वाले अधिकतर बैंककर्मी यह कार्य स्वेच्छा से करते हैं। इसका फायदा ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं व बच्चों को मिलने लगा है। सोसाइटी का मुख्य कार्यालय भुवनेश्वर में है। यह सोसाइटी छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, असम, बिहार, बंगाल, ओडिशा, झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवा रही है, ताकि आदिवासियों के लिए सुरक्षित सीट पर आदिवासी समाज के बच्चे शत प्रतिशत भर्ती हो सकें। पूर्वी सिंहभूम में यह काम मुसाबनी के मेढ़िया, डुमरिया के खाड़दा, पोटका के तालसा में चल रहा है।
त्रिस्तरीय व्यवस्था के तहत दी जा रही शिक्षा
आल इंडिया संताल बैंक इम्प्लाइज वेलफेयर सोसाइटी के महासचिव राम हरि बास्के बताते हैं कि सोसाइटी द्वारा गांवों का चयन ग्रामीणों की इच्छाशक्ति को देखकर किया जाता है। उसके बाद यह पता लगाया जाता है कि वहां कितने शिक्षित बेरोजगार हैं और आदिवासी समाज के बच्चों की संख्या कितनी है, जो स्कूलों में पढ़ रहे हैं। ग्रामीण जब अपने बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की शिक्षा के लिए राजी होते हैं, तो फिर शिक्षित युवाओं व बच्चों से बातचीत की जाती है। ये लोग आनलाइन क्लास से जुड़ते हैं। प्रत्येक माह बच्चों का टेस्ट लिया जाता है। इसका फीडबैक युवाओं से लिया जाता है। उसके ग्रामीणों व अभिभावकों से दूरभाष पर जानकारी ली जाती है कि आपका बच्चा पढ़ रहा है कि नहीं।
धीरे-धीरे लोग जान रहे
रामहरि बास्के ने बताया कि यह प्रथम बैच है। इसमें देश भर के 81 शिक्षित बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें पूर्वी सिंहभूम के 60 छात्र शामिल हैं। सभी छात्रों ने हाल ही संपन्न हुई बैंकिंग, एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं दी हैं। धीरे-धीरे इस संस्था के बारे में लोग जान रहे हैं और इससे जुड़ रहे हैं।