बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति मामले में हाई कोर्ट से मिली जमानत
Bandhu Tirkey. सीबीआइ ने झाविमो के महासचिव बंधु तिर्की को बीते 12 दिसंबर को उनके आवास से आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव और पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उन्हें जमानत दे दी है। वे आय से अधिक संपत्ति मामले में बीते 12 दिसंबर से बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। बंधु तिर्की झारखंड में मधु कोड़ा सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रह चुके हैं।
बंधु तिर्की को सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में बनहौरा स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। तब उन्हें अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेजा गया था। बता दें कि सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वर्ष 2010 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनपर केस दर्ज किया था। बंधु तिर्की के विरुद्ध 19 नवंबर को गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इसी वारंट के आधार पर सीबीआइ ने उनके विरुद्ध कार्रवाई की है।
2013 में सीबीआइ ने दी थी क्लोजर रिपोर्ट : आय से अधिक संपत्ति के इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने मई 2013 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया था। इसमें बताया था कि तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति तो है, लेकिन उतनी संपत्ति नहीं कि उनके विरुद्ध सीबीआइ जांच करे। सीबीआइ की विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सीबीआइ की इस दलील को एक सिरे से खारिज कर दिया था।
आमदनी से 30 फीसदी अधिक आय : आय से अधिक संपत्ति के मामले में क्लोजर रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने यह पाया कि वित्तीय वर्ष 2005-09 के पहले पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के सभी वैध स्रोतों से कुल आय 20 लाख रुपये मिले थे। वहीं, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इस अवधि में उन्होंने 26 लाख 50 हजार रुपये की संपत्ति अर्जित की। इस तरह यह राशि उनकी आमदनी की 30 फीसद से भी अधिक है। इसलिए बंधु तिर्की के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला चलाया जा सकता है। इसके बाद ही बंधु तिर्की के विरुद्ध अदालत से नोटिस जारी किया गया था।
विवादों से रहा है पुराना नाता : पूर्व मंत्री बंधु तिर्की का विवादों से पुराना नाता रहा है। अलग राज्य बनने के बाद डोमिसाइल हिंसा के वक्त सबसे पहले बंधु तिर्की चर्चा में आए थे। इसके बाद सीएनटी-एसपीटी एक्ट, एससी-एसटी एक्ट सहित विभिन्न मसलों पर आंदोलनकारियों का साथ देने को लेकर चर्चा में रहे हैं। वे आक्रामक रवैया के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने आदिवासियों के हित को लेकर रघुवर सरकार को कई बार निशाना बनाया है। रामगढ़ में सड़क जाम करने के मामले में मार्च 2016 में बंधु तिर्की को वहां की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी।