झारखंड में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लागू
रांची राज्य सरकार ने प्रदेश में ई-सिगरेट (इलेक्ट्रानिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। तत्संबंधी अधिसूचना विभागीय स्तर पर जारी कर दी गई है।
रांची : राज्य सरकार ने प्रदेश में ई-सिगरेट (इलेक्ट्रानिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम) पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। इसके तहत ई-सिगरेट या इसके घटकों के निर्माण, बिक्री (ऑनलाइन बिक्री सहित), वितरण, व्यापार, प्रदर्शन, विपणन, विज्ञापन, उपयोग एवं आयात पर रोक लगा दी गई है। यह कदम राज्यहित और जनहित को ध्यान में रखकर उठाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय बेहद संजीदगी बरतते हुए लिया है, क्यों कि यह राज्य के लिए अत्यंत जरूरी है। इधर, राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट भवन तथा नेपाल हाउस सचिवालय को तंबाकू फ्री क्षेत्र घोषित कर दिया है। इस संबंध में भी आदेश जारी कर दिया गया।
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध से संबंधित आदेश में कहा गया है कि बच्चे, किशोर और युवा (आमतौर पर धूमपान न करनेवाले भी) ई-सिगरेट के माध्यम से निकोटिन का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।
बता दें कि ई-सिगरेट एक ऐसा यंत्र है जो एक तरल को गर्म कर वायु विलय (एयरोसोल) बनाते हैं, जिसमें मुख्य रूप से प्रोपाइलीन, ग्लाइकौल या ग्लिसरीन या दोनों के साथ निकोटिन भी होते हैं। ई-सिगरेट में तंबाकू के पत्तों को जलाया नहीं जाता है, बल्कि तरल पदार्थ को वाष्पित कर कश खींचा जाता है।
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यह होता है नुकसान
- निकोटिन पर निर्भरता बढ़ती है।
-गर्भावस्था के दौरान भू्रण के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव।
- दिल संबंधित बीमारी व मानसिक बीमारियों का भी यह कारण बनता है।
- शीशा, क्रोमियम व निकेल के इस्तेमाल से कैंसर भी होता है।
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