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दुमका में 18-19 सितंबर को बांस कारीगर मेला, विदेशी कंपनियां करेंगी खरीदारी

झारखंड राज्य बांस मिशन के तहत बांस के विकास के लिए वार्षिक कार्ययोजना इसी वर्ष से शुरू हो रही है। यह मेला आदिवासी युवाओं के रोजगार सृजन में सहायक बनेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 10:26 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 10:36 PM (IST)
दुमका में 18-19 सितंबर को बांस कारीगर मेला, विदेशी कंपनियां करेंगी खरीदारी
दुमका में 18-19 सितंबर को बांस कारीगर मेला, विदेशी कंपनियां करेंगी खरीदारी

रांची, राज्य ब्यूरो। अंतरराष्ट्रीय बांस दिवस के अवसर पर दुमका में 18 और 19 सितंबर को दो दिवसीय बांस कारीगर मेला-2019 का आयोजन किया जाएगा। इसके माध्यम से आदिवासी आबादी को न सिर्फ रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि देश-विदेश में हो रहे बदलावों से भी लोग रूबरू होंगे। मेले में स्वीडन, नार्वे, दुबई, आबूधाबी और यूरोपीय देशों से भी खरीदार पहुंचेंगे। उद्योग सचिव के रवि कुमार ने बुधवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

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कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में राज्य सरकार स्थानीय कला को आधुनिक तकनीक और उन्नत मशीनों के साथ बढ़ावा देने का काम कर रही है। यह राज्य के लोगों की आय को दोगुना करने के साथ-साथ आदिवासी आबादी के लिये आजीविका का साधन साबित हो रहा हैं। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग विकास बोर्ड द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है।

पहुंचेंगे स्वीडन के कारीगर
उद्योग सचिव ने बताया कि इस मेले में स्वीडन की आइकी कंपनी के अलावा दुबई, नॉर्वे, अबूधाबी और यूरोपीय कंपनियों के खरीददार भाग लेंगे। दो दिवसीय यह कार्यक्रम झारखंड में बांस से संबंधित स्थायी उत्पादों के विकास के लिए एक पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसकी बाजार में बड़ी मांग है।

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
सचिव के रवि कुमार ने बताया कि दो दिवसीय मेगा इवेंट का मुख्य उद्देश्य स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्रदान करना है। आधुनिक कला और प्रौद्योगिकी के मिश्रण के साथ राज्य के स्थानीय कारीगरों की पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देना भी मेला का उद्देश्य है। उद्योग विभाग और मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग विकास बोर्ड ई-मार्केट प्लेस, ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग के लिए युवाओं व कारीगरों को प्रशिक्षित भी करेगी।

शार्क देशों की कंपनियों एवं खरीददार जुटेंगे मेले में
सचिव ने बताया कि मेला के दौरान पारंपरिक एवं आधुनिक शिल्प कौशल में सर्वश्रेष्ठ बांस कारीगरों को सुविधा प्रदान किया जाएगा। इन श्रेणियों में पहले तीन कारीगर नकद पुरस्कार से सम्मानित होंगे। मेले में 50,000 कारीगर कार्ड वितरण एवं 2700 से अधिक चुनिंदा कारीगरों को बांस उपकरण किट प्रदान करने की योजना है। कारीगरों को स्वरोजगार से जोडऩे हेतु बैंकर और माइक्रो फाइनेंस कंपनियां भी मेले में हिस्सा लेंगी।

बैंबू सेक्टर के लिए चार नए सीएफसी की शुरुआत
सचिव ने बताया कि कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स (सीएफसी) के माध्यम से बैंबू सेक्टरों के पोषण और विकास के लिए चार नए केंद्र शुरू किए जा रहे हैं, साथ ही उद्योगों के लिए पैकेजिंग सामग्री और जैव द्रव्यमान ऊर्जा जैसे औद्योगिक उपयोगों के लिए स्थायी उत्पाद को विकसित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के सीईओ अजय कुमार सिंह एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राम लखन प्रसाद गुप्ता एवं अन्य मौजूद थे।

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