सिर्फ बालाश्रय नहीं, झारखंड के 26 बाल गृह भी संदेह के घेरे में
Bal Home of Jharkhand. झारखंड के 26 बाल गृह भी संदेह के घेरे में हैं। इन बाल गृहों पर राज्य की खुफिया एजेंसी ने सरकार को विस्तृत रिपोर्ट दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के 26 बाल गृह भी संदेह के घेरे में हैं। वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था व उचित देखभाल की व्यवस्था नहीं है। इन बाल गृहों पर राज्य की खुफिया एजेंसी ने सरकार को विस्तृत रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में बताया है कि समाज कल्याण विभाग के एक पूर्व निदेशक ने राज्य के विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान/बाल गृह संस्थान/ बालिका गृह संस्थान के आवंटन में घोर अनियमितता बरती थी। अधिकांश संस्थान या तो अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए बिहार के कुछ लोगों या फिर सरकार के विरोधी लोगों को आवंटित किए गए हैं।
ये हैं संदिग्ध 26 बाल गृह
रांची में खुला आश्रय गृह (बालक), चाईबासा में सृजन महिला विकास मंच का बाल गृह (बालिका), रांची में महिला सामाख्या सोसाइटी की बाल गृह एवं नारी निकेतन, रांची में प्रेमाश्रय नाजरेथ कंपाउंड की बाल गृह (बालिका), बालाश्रय महिला सामाख्या सोसाइटी की बाल गृह (बालिका), आशा किरण की खूंटी नारी निकेतन, साउथ वेलफेयर सोसाइटी की रांची नारी निकेतन, सहयोग विलेज (गढ़वा, बोकारो, सिमडेगा, खूंटी नारी निकेतन वृद्धाश्रम) सृजन फाउंडेशन (लोहरदगा, चतरा), भारतीय किसान संघ (दुमका, चाईबासा), ग्राम प्रौद्योगिकी विकास संस्थान (पूर्वी सिंहभूम, कोडरमा, दुमका, धनबाद, दुमका) व आशा (खूंटी नारी निकेतन) शामिल हैं।
'राज्य के बाल गृहों का निरीक्षण किया गया था। कुछ में सुधार का आदेश दिया गया था। जो बाल गृह मानक के अनुरूप नहीं थे, उन्हें बंद करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उससे पहले बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होनी थी। बाल गृहों में रिक्तियों को भरने का भी आदेश दिया गया था। ऐसे बाल गृहों के नियमित निरीक्षण का आदेश जिलों को दिया गया है।'
-आरती कुजूर, अध्यक्ष, राज्य बाल संरक्षण आयोग।