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सिदो-कान्हू मुर्मू विवि के डिप्टी रजिस्ट्रार की जमानत याचिका खारिज, अयोग्य होने के बावजूद हुई थी नियुक्ति

Jharkhand Hindi News. पद के लिए अयोग्य होने के बावजूद शंभू प्रसाद सिंह की नियुक्ति हो गई। मामले की जानकारी होने पर 26 अप्रैल 2011 को निगरानी द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 12:44 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 12:44 PM (IST)
सिदो-कान्हू मुर्मू विवि के डिप्टी रजिस्ट्रार की जमानत याचिका खारिज, अयोग्य होने के बावजूद हुई थी नियुक्ति
सिदो-कान्हू मुर्मू विवि के डिप्टी रजिस्ट्रार की जमानत याचिका खारिज, अयोग्य होने के बावजूद हुई थी नियुक्ति

रांची, जासं। सीबीआइ के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत ने मंगलवार को भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी मामले में होटवार जेल में बंद सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के डिप्टी रजिस्ट्रार शंभु प्रसाद सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी। 15 जून को आरोपित को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था जहां से 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। उन्हें 13 जून को दुमका से गिरफ्तार किया गया था।

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क्या है आरोप

अक्तूबर 2006 में जेपीएससी द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों में डिप्टी रजिस्ट्रार पद के लिए विज्ञापन निकाला गया था।  आरोप है कि पद के लिए अयोग्य होने के बावजूद शंभु प्रसाद सिंह की नियुक्ति हो गई। मामले की जानकारी होने पर 26 अप्रैल 2011 को निगरानी द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में हाई कोर्ट के निर्देश पर केस की जांच सीबीआइ को सौंप दिया गया। 2012 में सीबीआइ ने कांड संख्या आरसी 11ए/12 दर्ज कर छानबीन शुरू की। इस मामले में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, वरीय सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह एवं अन्य सदस्यों को आरोपी बनाया है।


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