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व्यवसायियों, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, सत्ता के विरोधी विचारधारा से जुड़े लोगों का हो रहा भयादोहन

रांची भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गत 15 जुलाई को मिहिजाम के शराब कारोबारी और बीते 25 अप्रैल को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर में की गई पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख उनसे पूछा है कि यह किसकी शह पर हो रहा है। बाबूलाल ने इस तरह की कार्रवाई को दुर्भावाग्रस्त बताते हुए कहा कि राज्य में व्यवसायियों राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों सत्ता के विरोधी विचारधारा से जुड़े लोगों का भयादोहन हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 01:29 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 01:29 AM (IST)
व्यवसायियों, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, सत्ता के विरोधी विचारधारा से जुड़े लोगों का हो रहा भयादोहन
व्यवसायियों, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, सत्ता के विरोधी विचारधारा से जुड़े लोगों का हो रहा भयादोहन

रांची : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गत 15 जुलाई को मिहिजाम के शराब कारोबारी और बीते 25 अप्रैल को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर में की गई पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख उनसे पूछा है कि यह किसकी शह पर हो रहा है। बाबूलाल ने इस तरह की कार्रवाई को दुर्भावाग्रस्त बताते हुए कहा कि राज्य में व्यवसायियों, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, सत्ता के विरोधी विचारधारा से जुड़े लोगों का भयादोहन हो रहा है।

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मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में बाबूलाल ने कहा कि झारखंड में पिछले दिनों घटित कुछ घटनाओं से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य की पुलिस इन दिनों लोगों को भयाक्रांत कर भयादोहन के काम में लगी हुई है। मिहिजाम के शराब कारोबारी के यहां 15 जुलाई 2020 को हुई कार्रवाई ऐसी ही घटना का उदाहरण है। इसके पूर्व भी लॉकडाउन के दौरान बीते 25 अप्रैल को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर मामले में की गई कार्रवाई भी ऐसा ही देखा गया था। मिहिजाम की घटना का विशेषतौर पर जिक्र करते हुए बाबूलाल ने कहा कि इस प्रकार की दुर्भावनाग्रस्त कार्रवाई से राज्य को अराजकता की ओर धकेलने का संकेत भी स्पष्ट दिख रहा है। इस प्रवृत्ति को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। पुलिस द्वारा विभिन्न विभागों के सहयोग से एक साथ 70 जगहों पर तलाशी करना और उस तलाशी में कुछ पाया नहीं जाना, इस बात का साफ संकेत है कि यह निश्चित रूप से दुर्भावना से ग्रस्त होकर केवल डराने-धमकाने और भयादोहन करने के उद्देश्य से की गई कार्रवाई है। कहा है कि राज्य में इस प्रकार की परिपाटी ठीक नहीं है। बेहतर होगा कि पुलिसिया कार्रवाई पर तत्काल विराम लगाएं। साथ ही, एसआइटी गठित कर इन दोनों मामलों के साथ ही इस प्रकार के सभी मामलों की तत्काल जांच करवाएं।

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