चाईबासा जेलब्रेक में फरार नक्सली सहदेव पर सरकार ने रखा इनाम, 18मामलों में है वांछित
Jharkhand. बहुचर्चित चाईबासा जेल ब्रेक मामले में फरार कुख्यात नक्सली सहदेव महतो उर्फ सुभाष जी के बारे में जानकारी देने वालों को उचित इनाम दिया जाएगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। बहुचर्चित चाईबासा जेल ब्रेक मामले में फरार कुख्यात नक्सली सहदेव महतो उर्फ सुभाष जी के बारे में जानकारी देने वालों को उचित इनाम दिया जाएगा। सूचना देने वालों की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। यह पर्चा चाईबासा पुलिस ने छपवाया है ताकि सहदेव महतो के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। सहदेव महतो मूल रूप से हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के कुठान गांव का निवासी है। उसपर मनोहरपुर थाने में 2002 में नक्सल हत्या सहित विभिन्न थानों में डेढ़ दर्जन से अधिक हत्या व नक्सल संबंधित मामले दर्ज हैं।
वह झारखंड पुलिस के लिए आतंकवाद निरोधक कानून पोटा के तहत प्रतिबंधित उग्रवादी है। नौ दिसंबर 2014 को चाईबासा जेल ब्रेक हुआ था। तब भाग रहे दो नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था। 15 नक्सली भागने में सफल रहे थे। फरार 15 नक्सलियों में एक नक्सली की ग्रामीणों ने तीन महीने बाद ही हत्या कर दी थी। तीन नक्सलियों ने अलग-अलग तिथियों में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। अब भी 11 नक्सली फरार हैं जिनकी तलाश चल रही है। इनमें तीन हार्डकोर शामिल हैं।
सहदेव हार्डकोर नक्सली है जिसकी तलाश हो रही है। जेल से भागते वक्त जिन दो नक्सलियों को सुरक्षाकर्मियों ने मार गिराया था, उनमें दो सगे भाई रामविलास ताती व टीपा दास शामिल थे। घायलों में सुखराम हेस्सा पुरती, करण चाकी व जोजो बारी थे। तब 15 माओवादी चाईबासा मंडल कारा के बाहरी परिसर में कैदी वाहन के घुसते ही उसके रक्षकों पर हमला बोलते हुए जेल से भागने में सफल हुए थे।
इनमें विमल गुडिय़ा, जॉनसन गंझू, सालुका कायम, चोकरो चाकी, सुभाष उर्फ छोटू गंझू, सूर्यम उर्फ सियाराम, चंद्र हांसदा उर्फ अमित हांसदा, संजय बोदला उर्फ बिरसा बोदरा, विशू बोदरा, सहदेव महतो, गुरा नाग उर्फ डीके नाग, बिंज हांसदा, गुना उर्फ रूईदास हांसदा, माटू बाडिंग व रामवीर पात्रो शामिल थे। फरार जॉनसन गंझू उर्फ चंदर गंझू जेल ब्रेक में फरार होने के तीन महीने बाद ही मनोहरपुर के रोंगो गांव में ग्रामीणों के हाथों मारा गया था।
वह प्रतिबंधित संगठन भाकपा-माओवादी का स्वयंभू जोनल कमांडर था। उसपर तब तीन लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था। वह अपनी पत्नी अनिता गंझू के साथ अगस्त 2014 में पकड़ा गया था। जोनल कमाडर जॉनसन पर रेल पटरी उड़ाने, ट्रेन को अगवा करने समेत 39 से अधिक संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे। दिसंबर 2014 में फरार होने के तीन महीने बाद वह मारा गया था।
फरार 15 नक्सलियों में तीन ने किया आत्मसमर्पण
- गुड़ा नाग उर्फ डीके नाग : 17 फरवरी 2015 को सीआरपीएफ के 197 बटालियन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
- विशु बोदरा : गुड़ा नाग के आत्मसमर्पण के एक सप्ताह बाद विशु बोदरा ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था।
- विमल गुडिय़ा : इस नक्सली ने 25 मार्च 2015 को रांची में आत्मसमर्पण किया था।
- जॉनसन गंझू उर्फ चंदर गंझू : फरार होने के तीन महीने के बाद ही मनोहरपुर में ग्रामीणों के हाथों मारा गया।