हथियार प्लाट कर फंसाने मामले में एटीएस के डीएसपी का बयान दर्ज
झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा सदर थाने में झूठी कहानी गढ़ छापेमारी का मामला।
जागरण संवाददाता, राची : झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा सदर थाने में झूठी कहानी गढ़कर छापेमारी और एफआइआर दर्ज कराने के मामले में राची के सिटी एसपी द्वारा एटीएस के डीएसपी का बयान दर्ज किया गया है। एटीएस इंस्पेक्टर से भी पूछताछ की गई है। जिसमें में छापेमारी से संबंधित सभी पहलुओं पर पूछताछ की गई। इससे संबंधित रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस बीच पुलिस मुख्यालय की ओर से डीआईजी से रिपोर्ट मागी गई है। इस रिपोर्ट तलब के बाद डीआइजी ने राची पुलिस को तुरंत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। बताते चलें कि बीते 5 जून को एटीएस के डीएसपी अवध कुमार यादव ने सदर थाने में दर्ज एफआइआर में बताया है कि उन्हें आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के लोगों के होने की सूचना मिली थी। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ मेडिका अस्पताल के समीप महुरम टोली में स्व. वंशी टोप्पो के घर में छापा मारा था। वहा दो युवक पकड़े गए। उनकी तलाशी ली तो एक युवक जिसने अपना नाम आदिल अफरीदी उर्फ राजू उर्फ मामा के पास से लोडेड पिस्टल व कारतूस मिले। आदिल मूल रूप से धुर्वा के सिठियो का रहने वाला है और वर्तमान में सदर थाना क्षेत्र के बड़गाई में रहता है। जबकि, दूसरे युवक राकेश कुमार सिंह के पास से भी एक लोडेड देसी पिस्टल व कारतूस मिले।
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एक डीएसपी और इंस्पेक्टर है संदेह के घेरे में
अबतक की जाच में एटीएस के एक इंस्पेक्टर और एक डीएसपी संदेह के घेरे में हैं। इनमें एक वैसे इंस्पेक्टर हैं, जिनका हथियार प्लाट कर दो निर्दोषों को फंसाने की साजिश रचने वाले जमीन कारोबारी दिलावर खान के साथ पुराना संबंध रहा है। उस इंस्पेक्टर की पोस्टिंग राची जिला बल में रहने के दौरान बेहद करीबी संबंध भी था। इस बिंदू पर भी राची पुलिस जाच कर रही है। बता दें कि राची पुलिस को एटीएम की ओर से दिग्भ्रमित करने की भी पूरा प्रयास किया गया था। छापेमारी के पहले सूचना देने के बजाए एटीएस की ओर से छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद सूचना दी गई थी। स्थानीय सदर थाने को भी इसमें शामिल नहीं किया गया था। राची पुलिस ने जाच जरूरी समझा
राची पुलिस की टीम ने छापेमारी वाली जगह की सीसीटीवी फुटेज खंगाला। जिसमें जमीन कारोबारी दिलावर खान का सहयोगी शब्बीर खान पहले प्रवेश करता दिखाई दिया। इसके बाद छापेमारी की गई। ऐसे में सवाल उठता है कि एटीएस ने शब्बीर को क्यों वहा से आसानी से निकलने दिया गया। बताते चलें कि एटीएस ने दो निर्दोष युवक आदिल अफरीदी उर्फ राजू उर्फ मामा व राकेश कुमार सिंह को जेल भेजवाने का पूरा प्लान कर चुकी थी। गनीमत है, राची पुलिस ने जेल भेजने से पूर्व छानबीन करना उचित समझा। छानबीन में एटीएस की फर्जी गिरफ्तारी व असली मुजरिम का पता चला। राची पुलिस की छानबीन जारी है। झूठ की परत एक-एक कर खुल रही है।
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एटीएस की छापेमारी टीम में ये थे शामिल
डीएसपी अवध कुमार यादव (नेतृत्वकर्ता), डीएसपी दाउद किड़ो, पुलिस निरीक्षक ब्रह्मदेव प्रसाद, पुलिस निरीक्षक सुमन कुमार सुमन, पुलिस निरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता, पुलिस निरीक्षक अमरजीत प्रसाद, दारोगा तुलेश्वर प्रसाद कुशवाहा, दारोगा अमित रोशन कुल्लू, जमादार अरुण केरकेट्टा, जमादार सुनील कुमार सिंह, सिपाही नीरज कुमार साहू, सिपाही संजय मछुआ, सिपाही रोहित तिर्की व सिपाही महेश बहादुर सोनार।
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