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शिबू सोरेन की शिकस्‍त से सकते में झारखंड मुक्ति मोर्चा, आसान नहीं विधानसभा की राह

Shibu Soren and Hemant Soren. झामुमो के सर्वाधिक करिश्माई चेहरा शिबू सोरेन को इस लोकसभा चुनाव में दुमका सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन ने पटखनी दे दी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 10:07 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 08:02 PM (IST)
शिबू सोरेन की शिकस्‍त से सकते में झारखंड मुक्ति मोर्चा, आसान नहीं विधानसभा की राह
शिबू सोरेन की शिकस्‍त से सकते में झारखंड मुक्ति मोर्चा, आसान नहीं विधानसभा की राह

रांची, राज्य ब्यूरो। विपक्षी महागठबंधन की पीठ पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार करने का सपना संजोने वाले झामुमो को लोकसभा चुनाव में गहरा झटका लगा है। झामुमो के सर्वाधिक करिश्माई चेहरा शिबू सोरेन को इस चुनाव में दुमका सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन ने पटखनी दे दी। इससे झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व सकते में है।

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दो दिनों तक लगातार राजधानी में मैराथन बैठक करने के बाद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रणनीति बनाई है कि संगठन को हर स्तर पर मजबूत करेंगे। मोर्चा अपने गढ़ संताल परगना को बचाने के लिए पूरी ताकत झोकेगा लेकिन भाजपा की अभेद्य राजनीति के आगे उसकी राह आसान नहीं है। इसका अहसास झामुमो के शीर्ष नेतृत्व को भी है।

  • भाजपा ने संताल परगना पर किया है खास फोकस, स्वयं सीएम कर रहे दुमका में कैंप
  • विधानसभा चुनाव में झामुमो मुक्त संताल परगना का नारा दिया है भाजपा ने
  • दुमका से झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन की करारी शिकस्त के बाद सकते में है झामुमो

पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दुमका विधानसभा सीट से पराजित हो गए थे। उन्होंने मौके की नजाकत को भांपते हुए बरहेट से भी पर्चा भरा था, जहां उन्हें जीत हासिल हुई। हालिया लोकसभा चुनाव में उनके पिता शिबू सोरेन दुमका लोकसभा सीट से परास्त हो गए। इससे राजनीतिक गलियारे में इस बात को बल मिल रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में झामुमो के लिए संताल परगना अभेद्य किला नहीं रहा।

भाजपा ने इसमें तगड़ी सेंधमारी की है। इसी मुहिम के तहत भाजपा ने संताल परगना पर खास फोकस किया। स्वयं मुख्यमंत्री रघुवर दास लगातार संताल परगना का दौरा करते हैं। वे दुमका में कैंप कर प्रमंडल में चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा करते हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में झामुमो मुक्त संताल परगना का भी नारा दिया है।

झामुमो की बैठक 15-16 जून को
झारखंड मुक्ति मोर्चा की बैठकों का सिलसिला अभी नहीं थमेगा। दो और तीन जून को मैराथन बैठक करने के बाद शीर्ष नेतृत्व ने अब निचले स्तर पर समीक्षा करने का निर्णय किया है। इस कड़ी में 15-16 जून को विस्तारित केंद्रीय कमेटी की बैठक तलब की गई है। इस बैठक में जिला अध्यक्षों और सचिवों को भी बुलाया गया है ताकि लोकसभा चुनाव के संदर्भ में फीडबैक लिया जा सके।

हेमंत काफी हैं झामुमो की नैया डुबोने को : भाजपा
भाजपा ने मंगलवार को झामुमो पर निशाना साधा। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि झामुमो की नैया डुबोने के लिए हेमंत सोरेन अकेले ही काफी हैं। लोकसभा चुनाव में स्पष्ट हो गया है कि झारखंड में आदिवासी भाजपा के विकास साथ हैं और झामुमो से गुमराह नहीं होने वाले हैं। अमेठी से राहुल गांधी की तरह दुमका से भी गुरुजी की हार से तय हो गया है कि जनता के बीच अब झामुमो का झांसा नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी और रघुवर दास की डबल इंजन की स्थायी सरकार के विकास का जादू चलेगा।

उन्होंने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को सलाह दी कि शब्दों की मर्यादा की सीमा न लांघें, नहीं तो लोकतंत्र का तमाचा उन्हें भी राहुल गांधी की तरह मौन व्रत रखने पर मजबूर कर देगा। झारखंड में नरेंद्र मोदी की सुनामी और रघुवर दास की रणनीति के सामने महागठबंधन का कुनबा धराशायी हो चुका है। विधानसभा चुनाव आते-आते महागठबंधन बिखर जाएगा और झारखंड में एनडीए को 60 से ज्यादा सीटें आएंगीं।

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