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हूटर बजते ही दुर्घटना स्थल की ओर दौड़े कर्मी, रेल के डिब्बे में फंसे लोगों को बचाया

रांची मंडल के हटिया यार्ड में शुक्रवार को रेल दुर्घटना बचाव कार्य का रेलवे ने लिया जायजा

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:00 AM (IST)
हूटर बजते ही दुर्घटना स्थल की ओर दौड़े कर्मी, रेल के डिब्बे में फंसे लोगों को बचाया
हूटर बजते ही दुर्घटना स्थल की ओर दौड़े कर्मी, रेल के डिब्बे में फंसे लोगों को बचाया

जासं, रांची : रांची मंडल के हटिया यार्ड में शुक्रवार को रेल दुर्घटना बचाव कार्य का रेलवे और एनडीआरएफ की टीम के साथ संयुक्त अभ्यास (मॉक ड्रील) किया गया। इस बीच टीम घटनास्थल पर काफी चुस्त नजर आयी। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य प्रभावित यात्रियों को आपातकालीन स्थिति में यथाशीघ्र सभी प्रकार की सहायता करना, किसी दुर्घटना के वक्त सभी विभागों में समन्वय की जांच करना। यदि उनमें कोई कमी है तो उसकी पहचान कर उसे ठीक करना और सुनिश्चित समय में कैसे काम किया जाए इसे दुरुस्त करना था। इसमें रांची मंडल के मंडल रेल प्रबंधक प्रदीप गुप्ता के नेतृत्व में सभी विभागों के प्रमुख ने हिस्सा लिया। इस मौके पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) एमएम पंडित और अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ्रा) सतीश कुमार भी पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए थे।

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स्थानीय निकायों व दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्यालय को इसकी सूचना दी गई थी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधक की टीम, राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस विभाग, अग्निशमन, डाक्टर, एंबुलेंस, स्काउट एंड गाइड के सदस्य , रेल सुरक्षा बल, आदि सभी विभागों के कर्मचारी अपने-अपने उपकरणों के साथ हूटर बजते ही दुर्घटना स्थल की ओर रवाना हुए। रेल दुर्घटना बचाव कार्य में विशेष रूप से राष्ट्रीय आपदा मोचन टीम, राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग, विभिन्न अस्पतालों के एंबुलेंस, स्काउट एवं गाइड के सदस्य ने विशेष रूप से राहत कार्य किया जिससे रेल प्रशासन को अपना कार्य सुचारू रूप से जल्द से जल्द करने में सहायता हुई।

साथ में 140 टन की क्रेन, दुर्घटना सहायता ट्रेन को भी तुरंत रवाना किया गया। प्रतीकात्मक रूप से ट्रेन संख्या 08021 रांची-दुर्ग स्पेशल ट्रेन के डिब्बे घटनास्थल पर गिराए गए थे। कई लोग नकली रूप से हताहत हुए और अनेक घायल । इन घायलों को अविलंब उपस्थित डाक्टरों ने मुआयना कर प्राथमिक चिकित्सा की, गंभीर घायलों को अस्पताल भिजवाया गया। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए। 140 टन क्रेन , ड्रोन कैमरा, वीडियो कैमरा , स्टील फोटोग्राफी, वाई-फाई, फैक्स आदि सभी संसाधन घटनास्थल पर उपलब्ध करवाए गए थे। 25 डमी बनाए गए थे, जो डिब्बो के बीच फंसे हुए थे , उन्हें दुर्घटना के वक्त डिब्बे के बीच से निकालने के लिए कटर की व्यवस्था की गई थी। इस पूरे मॉक ड्रील में अनेक तरह के उपकरण प्रयोग में लाये गए। सबसे अच्छी बात यह रही कि इस दौरान नियमित चलने वाली रेल गाड़ियों में किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं हुआ। सभी विभागों तथा अन्य संगठनों ने सफलता पूर्वक अपनी अपनी भूमिका एवं कर्तव्य का निर्वाह किया।

दुर्घटना राहत कार्य में वरिष्ठ मंडल यातायात प्रबंधक आदित्य कुमार चौधरी , वरिष्ठ मंडल अभियंता (समन्वय ) अमित कंचन, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता एस उरांव, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (सामान्य) कुलदीप कुमार, मंडल संरक्षा अधिकारी कवीन्द्र चौधरी, कोचिग डिपो अधिकारी राजीव रसिक, मंडल वाणिज्य प्रबन्धक अर्जुन मजूमदार, मंडल वाणिज्य प्रबंधक डा देवराज बनर्जी सहित अन्य थे। वहीं एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व सहायक कमांडेंट विनय कुमार, टीम कमांडर इंस्पेक्टर फिरोज अहमद व अन्य थे।


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